लंदन में रह रहे भारतीय मूल के लोगों के लिए यह बड़ी कामयाबी है। आपको बता दें, जॉनसन ने उन सभी लोगों को अपने मंत्री मंडल में स्थान दिया है जिन्होंने ब्रेग्जिट मुद्दे पर उनका साथ दिया था।
ब्रिटेन के नए मंत्रिमंडल में तीन-तीन भारत वंशियों को जगह मिलना एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। इनमें प्रीति पटेल को गृह-मंत्री जैसी अहम जिम्मेदारी मिली है। वह इस पद पर पहुंचने वालीं भारतीय मूल की पहली महिला हैं। प्रीति मूलतः वे गुजराती हैं और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी समर्थक भी माना जाता हैं। वे ब्रेग्जिट को लेकर थेरेसा मे की नीतियों की मुखर आलोचक थीं।
कार्यभार संभालने के बाद प्रीति पटेल ने मीडिया से कहा, ‘‘अपने कार्यकाल के दौरान मेरी पहली कोशिश यही होगी कि हमारा देश और यहां के लोग सुरक्षित रहें। बीते कुछ समय से सड़कों पर भी काफी हिंसा देखी गई है, हम इस पर भी रोक लगाएंगे। हमारे सामने कुछ चुनौतियां जरूर हैं लेकिन हम सबसे निपटेंगे।’’
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प्रीति पटेल बनीं गृह मंत्री
प्रीति पटेल 2010 में पहली बार एसेक्स से कंजरवेटिव सांसद बनी थीं। डेविड कैमरन की अगुआई वाली सरकार में उन्हें कॉमनवेल्थ मालमों का मंत्रीं बनाया गया था। 2014 में उन्हें ट्रेजरी मिनिस्टर और 2015 में रोजगार मन्त्री बनाया गया। 2016 में थेरेसा मे ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय विकास मामलों का विदेश मंत्री बनाया था। नवंबर 2017 में थेरेसा मे ने प्रीति पटेल को अंतरराष्ट्रीय विकास मामलों के मंत्री पद से हटा दिया था। उन पर विदेश विभाग को बगैर सूचना दिए इजराइल के अफसरों से चर्चा करने का आरोप था।
बोरिस जॉनसन मंत्रिमंडल के युवा चेहरे ऋषि सुनाक 38 साल के हैं। इनका जन्म ब्रिटेन में ही हुआ था । फार्मासिस्ट माँ और डॉक्टर पिता की संतान सुनाक ने ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। सुनाक रिचमंड (यॉर्कशायर) से कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर 2015 में चुनाव जीते। वह इंफोसिस जसई दिग्गज कम्पनी के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं। ब्रेग्जिट समर्थक होने की वजह से ऋषि सुनाक को पूर्व पीएम थेरेसा में ने भी कैबिनेट में शामिल किया था।
आलोक शर्मा को बोरिस जॉनसन ने अंतरराष्ट्रीय विकास मामलों का राज्य मंत्री बनाया है। थेरेसा मई के काल में आलोक शर्मा निर्माण-पेंशन विभाग में रोजगार मंत्री और हाउसिंग मंत्रालय भी संभाल चुके हैं। वे पिछले पांच सालों में अंतरराष्ट्रीय विकास मामलों को संभालने वाले चौथे नेता होंगे। 2010 में वह लीस्टर से चुनाव जीत पहली बार संसद पहुंचे थे। इसके लिए उन्होंने अपना अकाउंटिंग और बैंकिंग का करियर छोड़ा था। 2017 में आलोक के हाउजिंग मिनिस्टर रहने के दौरान ही ग्रेनफेल टॉवर अग्निकांड हुआ था। इस मामले में उनकी काफी किरकिरी हुई थी।