पहले भी वायु मार्ग से आए है वन्यजीव
शेरों को एयरलिफ्ट कराने का यह कोई पहला मामला नहीं होगा इससे पहले भी वन्यजीवों को हवाई मार्ग से लाया जा चुका है। बताया गया है कि वर्ष 1984 में दुधवा पार्क में गुवाहटी से गेंडा हवाई मार्ग से लाए गए थे। पारीक्षा में भी कुछ वन्यजीवों को हवाई मार्ग से लाया गया था। अब सफारी के लिए शेरों के एयरलिफ्ट होने का इंतजार है।
राजस्थान के रास्ते लाने का था कार्यक्रम
जूनागढ़ से इटावा शेरों को राजस्थान के रास्ते लाए जाने का कार्यक्रम था। उदयपुर अजमेर के रास्ते इन शेरों को इटावा लाया जाना था लेकिन गुजरात, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी के चलते शेरों की सेहत को देखते हुए इन्हें सड़क मार्ग से लाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। हालांकि इसके लिए पिंजड़े तथा वाहन भी तैयार कर लिए गए थे।
निदेशक का तर्क
जूनागढ़ से शेरों को एयरलिफ्ट कराए जाने के लिए सेना से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलने पर मालवाहक विमानों से उन्हें लाया जाएगा। इसके लिए वजन आदि भी करा लिया गया है। – बीके सिंह, डायरेक्टर, सफारी।