राहिन गांव के प्रधान बी.पी. राजन ने बताया कि इस बैठक की जानकारी सचिव सुशील कुमार के जरिए टेलीफोन पर दी गई थी। इसमें बताया गया कि जिला अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी सभी प्रधानों की जल संरक्षण की समीक्षा बैठक लेंगे। बैठक में सभी प्रधानों का शामिल होना बेहद आवश्यक है। इसी आधार पर जिले भर के सभी प्रधान समय पर उपस्थित हो गए, लेकिन जिलाधिकारी और सीडीओ इस बैठक में दोपहर 12 बजे तक नहीं पहुंचे। इसी नाराजगी के चलते इस बैठक का बहिष्कार किया गया। लुहन्ना गांव के प्रधान राजवीर सिंह ने बताया कि चूंकि यह चुनावी वर्ष है और शासन स्तर से कहीं गौशाला निर्माण या फिर स्कूलों के कायाकल्प की योजनाएं संचालित की जाती रहती हैं। इसके चलते गांव का असल निर्माण नाली-खड़ंजा का निर्माण बाधित हो रहा है।
धरने पर पहुंचे जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव ने कहा कि देश से लोकतंत्र पूरी तरह से गायब हो गया है। सरकार ग्राम प्रधानों से जबरिया कार्य कराने में लगी हुई है। कोई भी ग्राम प्रधान अपनी मर्जी से कोई कार्य नहीं कर सकता है।
ग्राम प्रधानों की नाराजगी को लेकर सीडीओ राजा गणपति आर ने कहा कि प्रधानों की जो भी समस्या है उनका निराकरण जल्द ही जिला स्तर पर किया जाएगा और जिसका निराकरण शासन स्तर से संभव होगा उसके लिए शासन स्तर को पत्राचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि असल में मंडलायुक्त का कार्यक्रम एकाएक बुधवार सुबह इटावा भ्रमण का फाइनल हो गया था। इसी कारण ग्राम प्रधानों की बैठक में जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद नहीं हो सके। बेशक प्रधानों ने अपनी नाराजगी जताई है फिर भी सभी ने इस बात का भरोसा दिया है कि शासन स्तर की योजनाओं का हमेशा सहयोग करेंगे।