सीरीज पर बैन की मांग
‘धूप की दीवार’ में एक भारतीय लड़के और पाकिस्तानी लड़की में प्यार दिखाया गया है। इस सीरीज में कश्मीर में शहीद हुए सैनिकों के बच्चों की कहानी को मार्मिक ढंग से बुना गया है। सजल अली और रजा मिर स्टारर ये सीरीज 25 जून को जी5 पर स्ट्रीम होगी। हालांकि इसका ट्रेलर रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर विरोध होना शुरू हो गया है। इस सीरीज को देशभक्ति की भावना के विपरीत बताते हुए बैन की मांग की जा रही है। पाकिस्तान में ट्विटर पर ‘बैन धूप की दीवार’ हैशटैग ट्रेंड हो रहा है।
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यूजर्स ने लगाए आरोप
‘धूप की दीवार’ का विरोध कर रहे ट्विटर यूजर्स का कहना है कि निर्माता कश्मीरियों के खून से पैसा बनाना चाहते हैं। ये भी लिखा जा रहा है कि ‘कश्मीर का खून बेचने के लिए नहीं है। एक पाकिस्तानी यूजर का कहना है कि,’हम कश्मीरी शहीदों और पाकिस्तानी शहीदों का खून बर्बाद नहीं होने देंगे।’ कश्मीर और पाकिस्तान में कुछ ऐसे देशद्रोही हैं जो पैसों के लिए अपने धर्म का सौदा कर चुके हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।’ एक अन्य यूजर ने लिखा,’पाकिस्तान हमेशा कश्मीर के पीड़ित लोगों के साथ खड़ा रहेगा। दुर्भाग्य से सजल और अहद पैसे के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत के 5वीं पीढ़ी के युद्ध का हिस्सा हो गए हैं।’ इसी तरह कई यूजर्स ने सीरीज की कहानी, कलाकारों, निर्माताओं पर आरोप लगाते हुए बैन की मांग की है।
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पाकिस्तान आर्मी ने दी अनुमति
इसी बीच, सीरीज के निर्माताओं ने कहा है कि यह शो पाकिस्तानी आर्मी के इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस (पाक आर्मी का मीडिया एवं जनसम्पर्क विभाग) ने अप्रूव किया है। राइटर उमेरा अहमद ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में कहा है कि,’जब मैंने ‘धूप की दीवार’ पर 2019 में काम करना शुरू किया था, तब इसकी कहानी इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस को भेजी थी। इसमें उनकी टीम से कहानी को जांच-परखने को कहा था जिससे कि कहानी में जो भी आपत्त्जिनक बात हो, उसे एडिट जा सके।’ उनका कहना है कि ये उनकी खुद की कहानी है, जो कि उन्होंने एक नॉवेल के रूप में लिखी थी। इसे बाद में ड्रामा के रूप में बदलने के लिए पाकिस्तानी कंपनी ‘ग्रुप एम’ ने उनसे सम्पर्क किया।