शिवा रसोई में रावी को देखता है शिवा सब्जी लेने रसोई जाता है जहां उसे रावी दिखाई देती है। शिवा को लगता है कि वो फिर से रावी को इमेजिन कर रहा है। शिवा रावी के पास जाता है और उसे टच करता है। रावी के हाथ से प्लेट ऊपर उछल जाती है। शिवा उसे पकड़ता है। शिवा को पता चल जाता है कि सच में रावी पाड्या निवास लौट आई है।
शिवा बिना कुछ बोले रसोई से चला जाता है। रावी ये देखकर हैरान हो जाती है। वही गौतम बताता है कि अलमारी पर ताला उसने लगाया है क्योकि उसे लगा कि बाईक कि तरह शिवा रावी के कपड़े भी जला देगा। शिवा कुछ नही बालता है और खाने की मेज से उठ जाता है।
गौतम रावी को बुलाता है गौमत शिवा को रोक कर रावी को बुलाता है। गौमत दोनो को अपने बीच कि लड़ई को सुलझाने के लिए बोलता है। गौतम बोलता है कि अगर उन दोनो के कारण घर में कोई भी दुखी हुआ तो उस को गौतम से निपटना होगा। धरा जब क्रिश से रावी के बेड पर साफ चादर बिछाने के लिए बोलती है तो गौतम उसे ऐसा करने से मान कर देता है और बोलता है कि अगर धरा रावी से नाराज़ है तो उसे रावी के ख्याल भी नही रखना चाहिए। गौतम कहता है कि रावी इस घर में रहती है तो वो चादर खुद ढुंढ लेगी और अल्मारी की चाबी उसे पकड़ा देता है।
धरा को कुछ खट्टा खाना है धरा को खट्टा खाने का मन करता है, वो गौतम को कुछ चटपटा लाने के लिए बोलती है। गौतम रसोई में खाना ढुंढता है तभी वहां सुमन आ जाती है। सुमन गौतम से पुछती है कि वो पत्नी की सेवा में लगा है तो गौतम बोलता है कि ऐसा कुछ नही है और वो तो यहां अपने लिए कुछ लेने आया था। सुमन गौतम से काजु बादाम मांगती है और धरा के लिए भी ले जाने के लिए कहती है।
शिवा रावी से घर वापस आने की वजह पुछता है शिवा अपने कमरे में सोच रहा है कि रावी घर वापस क्यो आई है। रावी कमरे में आती है। शिवा उसे ऊपर सोने के लिए बोलता है। रावी कमरे से जा रही होती है तो शिवा उसे रोक देता है और रावी से पुछता है कि क्या वो यहां तमाशा करने आई है। रावी शिवा को उससे अच्छे से बात करने के लिए बोलती है। और रावी बताती है कि वो यहां उनके रिश्ते के लिए नही धरा की देखभाल के लिए आई है। शिवा ये सुन कर उससे बेड पर सोने के लिए बोलता है मगर रावी बोलती है कि इस बेड पर केवल इस घर की बहु का हक है और शिवा और उसके बीच कोई रिश्ता नही बचा है।