मस्क ने शुक्रवार देर रात ट्वीट किया, “टेस्ला ऐसी किसी भी जगह पर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं लगाएगी, जहां हमें पहले कारों को बेचने और सर्विस करने की इजाजत नहीं है।” उन्होंने भारत के लिए कंपनी निर्माण योजनाओं के बारे में पूछने वाले एक यूजर को जवाब दिया। स्टारलिंक पर एक अन्य फॉलोवर को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, “हम सरकार की मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं”।
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बता दें कि, हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि, Tesla यदि चीन में कारों का निर्माण करती है और कारों की बिक्री भारत में करेगी तो ऐसा सही नहीं है। ये एक तरह से केंद्रीय मंत्री का एलोन मस्क को दो टूक जवाब ही था। पिछले साल भारत में नियुक्त की गई मस्क टीम को अब मध्य-पूर्व और बड़े एशिया-प्रशांत बाजारों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया है। टेस्ला का यह कदम एक प्रतिशोध प्रतीत होता है क्योंकि भारत सरकार ने मस्क द्वारा टेस्ला वाहनों पर आयात शुल्क कम करने की मांग को स्वीकार नहीं किया है।
तेलंगाना के उद्योग मंत्री केटी रामाराव से लेकर महाराष्ट्र के मंत्री और राज्य राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटिल तक, कई भारतीय नेताओं ने मस्क से टेस्ला को भारत लाने की बार-बार अपील की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पिछले महीने ‘रायसीना डायलॉग 2022’ के दौरान गडकरी ने कहा था कि अगर मस्क चीन में निर्माण करना चाहते हैं और यहां टेस्ला कार बेचना चाहते हैं, तो यह भारत के लिए अच्छा प्रस्ताव नहीं हो सकता है।
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उन्होनें कहा था कि, “उनसे हमारा अनुरोध है कि भारत आकर यहां निर्माण करें। हमें कोई समस्या नहीं है। विक्रेता उपलब्ध हैं, हम सभी प्रकार की तकनीक की पेशकश करते हैं और इसके कारण, मस्क लागत को कम कर सकते हैं। “भारत एक बहुत बड़ा बाजार है और काफी अच्छे निर्यात के अवसर भी उपलब्ध हैं। मस्क भारत से टेस्ला कारों का निर्यात कर सकते हैं।” इससे पहले फरवरी में, गडकरी ने कहा था कि टेस्ला कारों को सड़कों पर उतारने के लिए मस्क को पहले भारत में निर्माण करना होगा। मस्क ने ट्वीट किया था कि उन्हें भारत में अपने उत्पादों को जारी करने के लिए सरकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब हो कि, वर्तमान में, भारत में 40,000 डॉलर (तकरीबन 30 लाख रुपये) से अधिक कीमत की आयातित कारों पर 100 प्रतिशत कर (Tax) लगाता है, जिसमें बीमा और शिपिंग खर्च शामिल हैं, और 40,000 डॉलर से कम की कारों पर 60 प्रतिशत आयात कर लगता है। मस्क ने कहा है कि वह भारत में कार लॉन्च करना चाहते हैं, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों पर देश का आयात शुल्क “दुनिया में अब तक सबसे ज्यादा” है।