इन 12 पहचान पत्रों में एक भी दिखाकर अपने मत का कर सकते हैं प्रयोग
जिला निर्वाचन अधिकारी के0 बालाजी ने बताया कि 12 अन्य पहचान पत्रों में आधार कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, बैको/डाकघरो द्वारा जारी किये गये फोटो युक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य स्मार्ट कार्ड, ड्राईविंग लाईसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर के अंतर्गत आरजीआई द्वारा जारी किये गये स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केन्द्र/राज्य सरकार/लोक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किये गये फोटो युक्त सेवा पहचान पत्र, सांसदो/विधायको/विधान परिषद सदस्यों को जारी किये गये सरकारी पहचान पत्र, यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूआईडी) कार्ड, सामाजिक न्याय एवं अधिकारित मंत्रालय भारत सरकार वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजो में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा।
उन्होंने बताया कि एपिक के संबंध में लेखन अशुद्धि, वर्तनी की अशुद्धि इत्यादि को नजरअंदाज कर देना चाहिए, बशर्तें निर्वाचक की पहचान एपिक से सुनिश्चित की जाये। उन्होंने बताया कि यदि कोई निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रदर्शित करता है जो कि किसी अन्य विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया है, ऐसे एपिक भी पहचान स्थापित करने हेतु स्वीकृत किये जायेंगे, बशर्तें उस निर्वाचक का नाम, जहां वह मतदान करने आया है, उस मतदान केन्द्र से संबंधित निर्वाचक नामावली में उपलब्ध हो। फोटोग्राफ इत्यादि के बेमेल होने के कारण निर्वाचक की पहचान सुनिश्चित करना संभव न हो, तब निर्वाचक को उपरोक्त वैकल्पिक फोटो दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा।
उन्होंने बताया कि उपरोक्त किसी भी बात के होते हुये भी प्रवासी निर्वाचको को जो अपनी पासपोर्ट में विवरणों के आधार पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 20क के अधीन निर्वाचक नामावलियों में पंजीकृत है, उन्हें मतदान केन्द्र में उनके केवल मूल पासपोर्ट (तथा कोई अन्य पहचान दस्तावेज नहीं) के आधार पर ही पहचाना जायेगा।