पढ़ाई के साथ ही राजनीति से भी जुड़े रहे गणेश चंद चौहान ने सपा सुभासपा गठबंधन प्रत्याशी अलगू प्रसाद चौहान को भारी मतों से शिकस्त दी है वहीं बसपा के प्रत्याशी को भी कई मतों के अंतर से पीछे छोड़ा है। गणेश सफाई कर्मी होकर घर की आर्थिक स्थिति को संभालते हैं। जब वह स्कूल में थे, तभी से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए। संघ से जुड़ने के बाद वह अपने क्षेत्र के लोगों के लिए काम में जुट गए। ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद सफाई कर्मी के पद पर काम करने लगे मगर, राजनीति से जुड़े रहे। 2009 में गणेश सफाई कर्मचारी संघ के ब्लॉक अध्यक्ष चुने गए थे। 2010 में उन्होंने अपने पिता को जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़वाया। हालांकि, इस चुनाव में वह तीसरे स्थान पर रहे।
लोन लेकर 25 कर्मचारियों ने की मदद गणेश का घर कर्ज से चलता रहा। गांव के लोग समय-समय पर मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाते थे। ब्लॉक प्रमुख चुनाव से पहले साथ में काम करने वाले 25 कर्मचारियों ने लोन लेकर 35 लाख रुपये की मदद की थी। इसके अलावा गणेश ने खुद भी बैंक से 17 लाख की ओडी ले रखी थी। पार्टी फंड से भी कुछ मदद मिली थी। इसके अलावा क्षेत्र की जनता ने तेल भरवा कर और अपनी व्यवस्था से कार्यक्रम करवाते रहे। हालांकि, गणेश ब्लॉक प्रमुख का चुनाव हार गए जिस कारण आज तक 35 लाख रुपये नहीं चुका पाए। अब वह यूपी विधानसभा चुनाव जीत गए हैं।
बता दें कि गणेश चौहान को 83,241 मत मिले। दूसरे स्थान पर रहे सपा-सुभासपा गठबंधन प्रत्याशी अलगू प्रसाद चौहान को 72,688 मत मिले, तीसरे स्थान पर बसपा प्रत्याशी संतोष बेलदार रहे जिन्हें 40, 693 मत मिले।