इनमें से, भाजपा ने 5 (डूमरियागंज, मीरापुर, श्रावस्ती, मुहम्मदाबाद-गोहना (एससी) और रामपुर मनिहारन) जीती। जबकि बसपा ने 2 (मांट और मुबारकपुर) और समाजवादी पार्टी ने मात्र एक मोहनलालगंज की सीट पर जीत दर्ज की। सबसे कम मार्जिन से जीत दर्ज करने वाले विधायक थे भाजपा के राघवेंद्र प्रताप सिंह। जिन्होंने डुमरियागंज की सीट पर बसपा की सैय्यदा खातून को महज 171 मतों से हराकर जीत दर्ज की।
दूसरा सबसे कम अंतर मीरापुर में दर्ज किया गया। यह सीट भी बीजेपी के ही कब्जे में रही। यहां बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अवतार सिंह भड़ाना ने सपा उम्मीदवार लियाकत अली को 193 मतों से हराया। हालांकि इस बार के चुनाव में भड़ाना बीजेपी छोड़कर रालोद में शामिल हो चुके हैं।
एक हजार से दो हजार के बीच जीत के अंतर वाली सीटें इसके अलावा यूपी की तकरीबन नौ सीटें ऐसी थीं जहां जीत का अंतर 1000 से 2000 के बीच था। ये सीटें हैं दुद्धी, भदोही, पट्टी, मटेरा, बांसडीह, टांडा, महमूदाबाद, ऊंचाहार और भरथना।
दो हजार से तीन हजार के बीच जीत के अंतर वाली सीटें 10 सीटें ऐसी थीं जहां जीत का अंतर 2000 से 3000 के बीज रहा। ये सीटे हैं नजीबाबाद, लालगंज, गैंसरी, कांठ, फरेंदा, बदलापुर, कन्नौज, अतरौलिया, सिधौली और प्रतापपुर।
तीन हजार से चार हजार के बीच जीत के अंतर वाली सीटें वहीं 12 सीटें ऐसी थीं जहाँ जीत का अंतर 3000 से 4000 के बीच था। ये सीटे हैं मुरादाबाद नगर, जंगीपुर, धौरहरा, चिल्लूपार, आंवला, धौलाना, दीदारगंज, हरचंदपुर, महोली, पटियाली, छपरौली और बिधूना।
चार हजार से पाँच हजार के बीच जीत के अंतर वाली सीटें कुल 8 सीटें ऐसी थीं जहां जीत का अंतर 4000 से 5000 के बीच था। ये सीटे हैं नकुड़, मंझनपुर, मछलीशहर, इसौली, शाहाबाद, सहसवां, गोरखपुर ग्रामीण और सहारनपुर नगर।