निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल यानी निषाद पार्टी पूर्वांचल की 16 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उसका चुनाव चिन्ह भोजन भरी थाली है। गंगा घाट पर ही खड़े विश्वभंर बिंद गुस्से में कहते हैं-पेट पर लात मारकर अब भर पेट भोजन का लालच दिया जा रहा है। पिछले साल सरकार ने वाराणसी के घाट पर सिर्फ एक क्रूज चलाने की अनुमति दी थी। अब इनकी संख्या बढ़कर दर्जनभर से अधिक हो गयी है। पर्यटक अब नाव में नहीं बैठते। क्रूज से गंगा में तेज लहरें उठती हैं इससे पानी स्थिर नहीं रहता। इससे मछलियां भी नहीं फंसतीं। हम करें तो क्या करें। वे कहते हैं, निषाद पार्टी ने बहुत भरोसा दिया था। लेकिन उसने तो ब्राह्मणों को उतार कर भरोसा तोडऩे का काम किया है। निषाद पार्टी ने कुल 16 में से पांच पर ब्राह्मण प्रत्याशी उतारे हैं। एक पर दलित, एक भूमिहार, एक नोनिया और बाकी पांच पर क्षत्रिय उम्मीदवार हैं। निषादों के नाम पर बनी पार्टी में सिर्फ तीन निषादों को ही टिकट मिला है।
वीआइपी ने बिगाड़ा खेल निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद की मुश्किलें वीआइपी भी बिगाड़ रही है। इसका चुनाव चिन्ह नाव है। जिन सीटों पर निषाद पार्टी लड़ रही है वहां सपा, बसपा और कांग्रेस ने भी निषाद उम्मीदवार ही उतारे हैं। इसके अलावा प्रगतिशील मानव समाज पार्टी और सर्वहारा विकास पार्टी भी निषाद वोटों की ठेकेदार बनी हैं। भाजपा ने निषाद पार्टी को पिछले चुनाव में हारी हुई नौ सीटों को जिताने की भी जिम्मेदारी डाल दी है। भाजपा ने उन्हें प्रचार के लिए एक हेलीकाप्टर उपलब्ध कराया है।
यहां लड़ रही निषाद पार्टी कालपी,हंडिया और करछना, कटहरी, चौरीचौरा , मेंहदावल, नौतनवां, खड्डा,तमकुहीराज, ज्ञानपुर, अतरौलिया, बांसडीह, शाहगंज, मझवां, सैदपुर और सदर सुलतानपुर। चौरी चौरा में फंसे श्रवण कुमार निषाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.संजय कुमार निषाद के बेटे श्रवण कुमार निषाद गोरखपुर के चौरीचौरा सीट पर भाजपा के चुनाव चिह्न पर लड़ रहे हैं। इन्हें सपा से कड़ा मुकाबला हो रहा है। इसी तरह निषाद पार्टी के छह और उम्मीदवार भाजपा के सिंबल पर मैदान में हैं।
2017 में लड़े थे 72 सीटों पर 2017 में निषाद पार्टी ने पीस पार्टी से गठबंधन कर 72 सीटों पर चुनाव लड़ा था। तब उसे 5,40,539 वोट मिले थे। पार्टी से बाहुबली विजय मिश्रा ज्ञानपुर से चुनाव जीते थे। 2018 में गोरखपुर के लोकसभा उपचुनाव में निषाद पार्टी ने सपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ा। और डॉ. संजय कुमार निषाद के बड़े बेटे प्रवीण कुमार जीते थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में डॉ. संजय कुमार भाजपा के टिकट पर संतकबीरनगर सांसद बने।
140 सीटों पर अच्छी आबादी यूपी की कुल ओबीसी आबादी में 7 से 8 प्रतिशत आबादी निषादों की की है। इनकी आबादी यूपी की करीब 140 विधानसभा सीटों के परिणाम को बदलने की भूमिका में है।