प्रधानमंत्री मोदी की नंदीग्राम में रैली से ठीक पहले टीएमसी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर लगाया यह आरोप
भाजपा और तृणमूल में सीधा मुकाबलाकांथी उत्तर और कांथी दक्षिण विकसित कस्बा दिखेगा। इसका कारण है, वर्षों से म्यूनिसिपल से लेकर विधानसभा और संसद तक में अधिकारी परिवार का प्रतिनिधित्व। कांथी दक्षिण में इस बार शिक्षकों के बीच लड़ाई है। भाजपा ने रिटायर्ड शिक्षक अरुप कुमार दास को टिकट दिया है। वहीं, तृणमूल से ज्योतिर्मय कर मैदान में हैं। वे प्रोफसर रह चुकी हैं। पहले वे पताशपुर विधानसभा की प्रत्याशी थीं। यह सीट तृणमूल के स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिका भट्ट के पास थी। वे कोलकाता के हैं, इस बार उन्हें राजधानी में ही मौका मिल गया है। लेफ्ट से अनुरूप पंडा मैदान में जरूर हैं लेकिन वे परिणाम को बहुत ज्यादा प्रभावित करते नहीं दिख रहे हैं। कांथी उत्तर में भाजपा ने चार महीने पहले तृणमूल से पार्टी में आईं काउंसलर सुनीता सिन्हा को मैदान में उतारा है। तृणमूल से तरूण जना टक्कर दे रहे हैं। दोनों सीटों पर स्थानीय प्रत्याशियों के बजाय भाजपा का शीर्ष नेतृत्व चुनाव लड़ रहा है।
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बंद उद्योगों को लेकर उदासीनतासेंट्रल कांथी के व्यवसायी एसपी प्रधान ने बताया कि मजना में कई बड़े काजू प्रोसेसिंग यूनिट थे। करीब 1000 करोड़ का कारोबार होता था। जीएसटी लागू होने के बाद ये बंद होने लगे। अब केवल 30 प्रतिशत यूनिट बची हैं। चिंगड़ी मछली का पालन और प्रोसेसिंग भी तीन साल से बंद है। इससे जुड़े हजारों लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। सेना से रिटायर्ड विश्वजीत माइती का कहना है कि नए उद्योग नहीं खुल नहीं रहे हैं। रोजगार सबसे बड़ी समस्या है। मौजूदा सरकार हजार रुपए का भत्ता दे रही है, इससे क्या होगा। सरकारी विभागों में भर्ती बंद है। बेरोजगारों की फौज तैयार हो गई है। इन मुद्दों को दूर करने की पहल नहीं हो रही है।