राधिका ने कहा, “मुझे यह साबित करना होगा कि ट्रांसजेंडर राजनीति में सफल हो सकते हैं और लोगों के मुद्दों को सफलतापूर्वक संबोधित कर सकते हैं। मैं आम आदमी के लिए सरकारी स्कूलों के नेटवर्क को मजबूत करके शिक्षा को सस्ती बनाने के लिए काम करूंगी। मेरा जन्म और पालन-पोषण यहीं हुआ, इसलिए मैं लोगों से मुझे एक मौका देने का अनुरोध कर रही हूं क्योंकि मैं उनके लिए बहुत कुछ करना चाहती हूं।”
गौरतलब है कि वर्ष 2000 में एक ट्रांसजेंडर आशा देवी गोरखपुर नगर निगम की मेयर चुने जाने के बाद सुर्खियों में आई थीं। उनके चुनाव ने राजनीतिक दलों को बड़ा झटका दिया था। इससे पहले 1998 में ट्रांसजेंडर शबनम मौसी मध्य प्रदेश राज्य विधानसभा के लिए चुनी गई थीं। वह जन प्रतिनिधि के रूप में चुनी जाने वाली पहली ट्रांसजेंडर थीं।