20 करोड़ रुपए का नाश्ता युवाओं को बेरोजगारी भत्ता के नाम पर 20 करोड़ रुपए का नाश्ता पानी भी अखिलेश यादव सरकार की ही कारस्तानी रही है। अखिलेश भ्रष्टाचार के रहनुमा सिद्धार्थनाथ सिंह ने अखिलेश यादव के पेंशन आदि को लेकर किए गए चुनावी वादों पर हमला बोलते हुए कहा कि, जनता अब फिर घोटालेबाज पार्टी को मौका नहीं देने वाली। अखिलेश भले ही अपने किए घोटालों पर पर्दा डालने की कोशिश करें लेकिन जनता को एक-एक घोटाले के बारे में जानकारी है। 10.80 अरब रुपए के समाजवादी पेंशन घोटाले ने समाजवादी पार्टी की भ्रष्टाचार की संस्कृति को आगे बढ़ाया। 1173 करोड़ रुपये के लैपटॉप घोटाले, 1500 करोड़ रुपए के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले व 550 करोड़ रुपए के जेपीएनआईसी घोटाले ने अखिलेश को भ्रष्टाचार का रहनुमा साबित किया।
नई पेंशन स्कीम का रुपया जमा नहीं किया सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि, यही नहीं, अखिलेश सरकार ने नई पेंशन स्कीम का दस हज़ार करोड़ रुपया जमा नही किया था। यह वह राशि है जो सरकार का योगदान होता है लेकिन सपा सरकार ने जमा ही नही किया था। उन्होंने कहा की योगी सरकार अगर यह न जमा करती तो आम जनता पेंशन योजनाओं से वंचित रह जाती।
मोटी मलाई काटने की मंशा सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहाकि, अखिलेश यादव ने पेंशन, कैशलेस इलाज आदि से जुड़ी जो भी चुनावी वादे किए हैं, उनके पीछे उनकी मंशा मोटी मलाई काटने की है।
आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी सपा सच तो यह है कि अखिलेश के लिए अब सत्ता सपना है। पर वह सपने में भी उन्हीं योजनाओं के बारे में सोचते जिनमें सत्ता में रहते हुए उन्होंने करोड़ों और अरबों के घोटाले किए थे। उन्हीं योजनाओं को आगे बढ़ाने का मतलब भ्रष्टाचार का जारी रहना। जिसके रगों में भ्रष्टाचार का खून बह रहा हो। जो आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हो उससे इससे अधिक की उम्मीद भी नहीं की जा सकती। पर, ऐसी योजनाओं की आड़ में निजी तिजोरी भरने की चालबाजी अब चलने से रही। क्योंकि जनता उन्हें पांच साल पहले ही नकार चुकी है और इस चुनाव में भी उनका नकारापन ले डूबा है।