scriptUP Assembly Elections 2022 : क्या गुलशन यादव तोड़ पायेंगे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के तीन दशक का रिकॉर्ड | Raja Bhaiya against Gulshan Yadav in Kunda Assembly Seat | Patrika News
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UP Assembly Elections 2022 : क्या गुलशन यादव तोड़ पायेंगे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के तीन दशक का रिकॉर्ड

UP Assembly Elections 2022 : प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट से साल 1993 से ही लगातार रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया निर्दलीय चुनाव लड़ते और जीतते आ रहे हैं। पहली बार ऐसा होगा जब राजा भैया अपने ही क्षेत्र में घिरते नजर आयेंगे। सपा प्रत्याशी गुलशन यादव, रघुराज प्रताप सिंह के करीबी माने जाते थे। लेकिन वो राजा भैया को चुनौती देते नजर आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार सिंधुजा मिश्रा भी इस चुनाव में अपना दमखम दिखा रही हैं।

Feb 03, 2022 / 05:54 pm

Amit Tiwari

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UP Assembly Elections 2022 : पिछले करीब तीन दशक से प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट पर जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के मुखिया रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का ही दबदबा रहा है। लेकिन 2022 में हो रहे विधानसभा के चुनाव में इस बार राजा भैया की राह विधानसभा पहुंचने के लिए कांटों से भरी साबित हो सकती है। इस चुनाव में कुंडा सीट से भाजपा की सिंधुजा मिश्रा उन्हें कड़ी टक्कर दे रही हैं। इससे पहले सिंधुजा के पति शिव प्रकाश मिश्र दो बार राजा भैया को कड़ी चुनौती दे चुके हैं। भाजपा की सिंधुजा मिश्रा के अलावा समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और सीओ जियाउल हक की हत्याकांड के मुख्य आरोपी गुलशन यादव ने भी इस सीट पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। जबकि बहुजन समाज पार्टी से मो. फहीम उर्फ पप्पू भाई भी इस मुकाबले में खुद को मजबूत दावेदार साबित करने में जुटे हैं।
कुंडा से कांग्रेस ने नहीं उतारा है प्रत्याशी

उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए अब बहुत ही कम समय बचा है। प्रतापगढ़ जिले की सभी सात विधानसभा सीटों की स्थिति भी लगभग क्लीयर हो चुकी है। कुंडा विधानसभा सीट प्रतापगढ़ की सात सीटों में से एक है। यहां कांग्रेस छोड़ सभी प्रमुख सियासी दलों के उम्मीदवार चुनावी मैदान में राजा भैया को टक्कर देते दिख रहे हैं। भाजपा की सिंधुजा मिश्रा भी उन्हीं उम्मीदवारों में से एक हैं। आइए जानते हैं कि निर्दलीय राजा भैया को टक्कर देने वाली सिंधुजा मिश्रा कौन हैं ?।
कौन हैं सिंधुजा मिश्रा

भाजपा प्रत्याशी सिंधुजा मिश्रा मूलरूप से आजमगढ़ की रहने वाली हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी से एमए बीएड और एलएलबी की डिग्री भी हासिल करने वाली सिंधुजा मिश्रा हाइकोर्ट में अधिवक्ता भी हैं। सिंधुजा की शादी प्रतापगढ़ शहर में ही हुई है। उनके पति का नाम शिव प्रकाश मिश्र सेनानी है। सिंधुजा मिश्रा कोई पहली बार चुनावी मैदान में नहीं हैं। इससे पहले उन्होंने साल 2009 में बसपा के समर्थन से को-ऑपरेटिव बैंक का चुनाव लड़ा था और राजा भैया के करीबी को चुनाव में हराया था। फिर साल 2012 व 2014 में बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाई थी लेकिन इस चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद सिंधुजा मिश्रा अपने पति शिवप्रकाश सेनानी के साथ बीजेपी में शामिल हो गईं थी।
दो बार पति दे चुके हैं राजा भैया को टक्कर

बता दें भाजपा प्रत्याशी सिंधुजा मिश्रा के पति शिव प्रकाश सेनानी राजा भैया के खिलाफ 2004 और 2012 में चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन दोनों ही चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब तीसरी बार खुद सिंधुजा मिश्रा राजा भैया के खिलाफ चुनावी समर में हैं।
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रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया

प्रतापगढ़ जिले की भदरी रियासत के पूर्व राजकुमार रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया यूपी के बाहुबली राजनेताओं में से एक हैं। राजा भैया की चुनावी यात्रा साल 1993 से शुरू हुई थी। 1993 में वे पहली कुंडा सीट से निर्दलीय विधायक बने थे। इसके बाद 1996, 2002, 2007, 2012, 2017 में वे लगातार विधायक चुने जाते रहे हैं। इस बार राजा भैया ने जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) पार्टी बनाकर चुनाव के मैदान में हैं। हालांकि राजा भैया खुद को बाहुबली नहीं मानते हैं। लेकिन उनको लेकर कई कहानियां भी जुड़ी है। राजा भैया के बारे में कहा जाता है कि वे सामांनतर अदालत भी चलाते थे। इतना ही नहीं साल 2002 में यूपी की सत्ता संभालने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने राजा भैया, उनके पिता उदय प्रताप सिंह और चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह समेत कई लोगों पर पोटा व अन्य संगीन धाराओं में जेल भेज दिया था।
कुंडा विधानसभा सीट

कुल मतदाता- 3, 56,093

पुरूष मतदाता- 1,91,397

महिला मतदाता- 1, 65,134

थर्ड जेंडर- 162

कुंडा विधानसभा के जातिगत आंकड़े (अनुमानित)

अनुसूचित जाति मतदाता- 75 हजार,
मुस्लिम मतदाता- 55 हजार

यादव मतदाता- 50 हजार

ब्राह्मण मतदाता- 40 हजार

क्षत्रिय मतदाता- 20 हजार

वैश्य मतदाता- 15 हजार

अन्य पिछड़ी जातियां- 15 हजार

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