मिजोरम विधानसभा चुनाव के नतीेजें एक दिन के देरी से आज 4 दिसंबर को आ रहा है। अब तक आए रुझानों में मिजोरम की सत्ता पर काबिज मिजो नेशनल फ्रंट को जोरदार झटका लगा है। वहींस पूर्व IPS लालदुहोमा की पार्टी जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) बहुमत के आंकड़े को पार कर गई है। वहीं, यहां कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पहले से बेहतर करती हुई दिख रही है।
अब तक किसे कितने सीटें मिली
अब तक आए रुझानों के मुताबिक जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) 26 सीट पर आगे चल रही है। सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) को 9 सीटों पर बढ़त मिली। वहीं कांग्रेस 1 सीट पर आगे है और 3 सीट पर भाजपा आगे चल रही है।
मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती सोमवार 4 दिसंबर सुबह 8 बजे से शुरू होगी। जिसके लिए सभी 11 जिलों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी एच. लियानजेला ने कहा कि महिलाओं सहित चार हजार से अधिक अधिकारियों को लगाया गया है। लियानजेला ने कहा कि सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) सभी 11 जिला मुख्यालयों के स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रूप से रखी गई हैं।
7 नवंबर को मतदान हुआ था।
बता दें कि राज्य के 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 7 नवंबर को मतदान हुआ था। कुल 8.57 लाख मतदाताओं में से 80 प्रतिशत से अधिक ने 16 महिलाओं सहित 174 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
MNF और ZPM में सीधी लड़ाई
सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), राज्य के मुख्य विपक्षी ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) और कांग्रेस ने सभी 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि आम आदमी पार्टी चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इनके अलावा 27 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं। भाजपा ने भाषाई अल्पसंख्यक आबादी वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए 23 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, खासकर जहां रियांग और चकमा आदिवासी समुदाय मतदाताओं की पर्याप्त संख्या है।
पहले रविवार को होनी थी मतगड़ना
ईसाई-बहुल (87 प्रतिशत) राज्य में वोटों की गिनती पहले रविवार को होनी थी, लेकिन प्रभावशाली यंग मिज़ो एसोसिएशन (वाईएमए) सहित सभी राजनीतिक दलों, गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज संगठनों, चर्चों, युवाओं और छात्र निकायों की अपील के बाद भारतीय निर्वाचन आयोग ने मतगणना सोमवार को पुनर्निर्धारित की।
मिजोरम की सबसे शक्तिशाली एनजीओ समन्वय समिति (एनजीओसीसी), जो प्रमुख नागरिक समाजों और छात्र निकायों की एकछत्र संस्था है, जिसने राज्य विधानसभा चुनावों के लिए वोटों की गिनती की तारीख में बदलाव की मांग करते हुए शुक्रवार को राज्य भर में विरोध-प्रदर्शन किया।
पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने की थी चुनाव आयोग से मुलाकात
पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी चुनाव आयोग से मुलाकात कर अवगत कराया कि चूंकि रविवार ईसाइयों के लिए पवित्र है और राज्य के अधिकांश लोग – ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के – उस दिन चर्च सेवाओं में शामिल होते हैं, इसलिए मतगणना को किसी और दिन के लिए पुनर्निर्धारित किया जाना चाहिए।
पर्याप्त सुरक्षा उपाय
पुलिस महानिदेशक अनिल शुक्ला ने बताया कि मतगणना के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय किये गये हैं। कानून-व्यवस्था बनाए रखने और वोटों की गिनती सुचारू रूप से संपन्न हो यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और मिजोरम सशस्त्र पुलिस की टुकड़ियों को तैनात किया जाएगा।