वहीं, ममता का गुस्सा चुनाव आयोग और केंद्र सरकार दोनों के लिए फिर फूटा है। दरअसल, ममता बनर्जी कूच बिहार जिले के सीतलकुची में चौथे चरण के मतदान के बीच हुई फायरिंग में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए माथाभंगा अस्पताल जाना चाहती थीं, मगर आयोग ने इसकी अनुमति नहीं दी और 72 घंटे के लिए इस पर रोक लगा दी है। बस, इसी के बाद ममता ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को निशाने पर लिया।
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आयोग का नाम एमसीसी रख देंकूच बिहार जाने से रोके जाने पर ममता बनर्जी ने ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा, चुनाव आयोग का नाम बदलकर एमसीसी यानी मोदी कोड ऑफ कंडक्ट रख देना चाहिए। ममता ने कहा भाजपा चाहे तो अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर ले, मगर मुझे अपने लोगों के साथ खड़े होने और उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती है। ममता बनर्जी के मुताबिक, वे मुझे कूच बिहार के अपने भाइयों और बहनों से मिलने से तीन दिन रोक सकते हैं, मगर चौथे दिन मैं वहां उनके साथ मिलूंगी।
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सिन्हा ने भी आयोग पर साधा निशानाबता दें कि बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान पहली बार चौथे चरण में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई, जिसके बाद चुनाव आयोग ने हिंसाग्रस्त जिले में नेताओं के प्रवेश पर तीन दिनों के लिए रोक लगा दी है। इससे पहले गत रविवार को तृणमूल कांग्रेस ने ऐलान किया था कि ममता बनर्जी प्रभावित इलाके का दौरा करेंगी और घायलों से मिलने अस्पताल जाएंगी। बहरहाल, भाजपा से तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन करने वाले यशवंत सिन्हा ने भी चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को कूच बिहार जिले में जाने से रोक कर चुनाव आयोग ने खुद आरोपों में घेर लिया है। सिन्हा ने कहा कि ममता बनर्जी अभी भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं और यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद घटनास्थल का दौरा करें।