हाईकोर्ट से केंद्रीय बलों की तैनाती की करेगी मांग
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष व पार्टी लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने घोषणा की कि पार्टी आगे बढ़ेगी और कोर्ट से केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग करेगी। कांग्रेस नेता और कलकत्ता हाइकोर्ट के वकील कौस्तव बागची शुक्रवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। बागची ने कहा, आगामी पंचायत चुनावों के लिए हमारी 12 मांगें हैं, इसमें केंद्रीय बलों की तैनाती, ऑनलाइन नामांकन की व्यवस्था और राज्य चुनाव आयोग और जिलाधिकारियों के कार्यालयों में नामांकन दाखिल करने का विकल्प शामिल है।
कई आधार पर भाजपा जाएगी कलकत्ता हाईकोर्ट
कांग्रेस के अलावा, पश्चिम बंगाल में भाजपा की राज्य इकाई ने भी विभिन्न आधारों पर कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख करने का फैसला किया है। केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग के अलावा, भगवा खेमा 8 जुलाई को एक चरण में चुनाव कराने पर भी आपत्ति जताएगा। पता चला है कि अपनी याचिका में पार्टी राज्य चुनाव आयुक्त के सर्वदलीय बैठक बुलाए बिना नामांकन, मतदान की घोषणा पर भी आपत्ति जताएगी।
सीएम और राज्य चुनाव आयुक्त होंगे जिम्मेदार – शुभेंदु अधिकारी
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ग्रामीण निकाय चुनावों में खून खराबे के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए एकल चरण के चुनाव अकल्पनीय हैं। अगर चुनाव हिंसा में एक भी व्यक्ति की मौत होती है, तो इसके लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा जिम्मेदार होंगे। यह भी पढ़ें – चुनाव आयोग ने कसी कमर, 10-27 जून तक होगी FLC, जांचे जाएंगे EVM-VVPAT
सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए राज्य चुनाव आयोग बाध्य नहीं – कुणाल घोष
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने सर्वदलीय बैठक बुलाए बिना चुनाव की तारीख की घोषणा के शुभेंदु अधिकारी के दावों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए राज्य चुनाव आयोग बाध्य नहीं है।
सभी दल बना रहे हैं बहाने – तृणमूल कांग्रेस
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने आगे कहा, केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती के संबंध में, वे सभी दल ऐसे बहाने बना रहे हैं जिनके पास पश्चिम बंगाल में कोई संगठन नेटवर्क या सार्वजनिक समर्थन नहीं है। 2021 केंद्रीय बलों की तैनाती के साथ आठ चरणों में राज्य विधानसभा चुनाव कराए गए। सभी जानते हैं कि परिणाम क्या रहा।’ यह भी पढ़ें – KCR के रुख में भारी बदलाव, अब BJP नहीं कांग्रेस पर साध रहे निशाना