उन्होंने कहा “भले ही हम फरवरी तक लोगों का टीकाकरण शुरू कर दें, हम जुलाई तक केवल एक बड़े हिस्से में ही टीकाकरण कर पाएंगे. इससे पहले स्कूलों को फिर से खोलने की कोई संभावना नहीं है. हमें यह भी देखना होगा कि शिक्षकों और छात्रों को जोखिम में डाले बिना परीक्षाएं कैसे आयोजित की जाएंगी.”
ये फैसला कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए लिया जा सकता है क्योंकि छोटे बच्चों को किसी भी तरह से सबसे बाद में स्कूलों में बुलाया जाएगा. ऐसे में अगर इस साल नर्सरी में बच्चों का एडमिशन लिया जाता है तो बच्चों को पूरा शैक्षणिक वर्ष ऑनलाइन ही होगा जो कि ठीक नहीं है.