3-19 साल के बच्चों की पहचान का आदेश
शिक्षा विभाग की इस मुहिम का उद्देश्य है 3 से 19 साल के उन बच्चों की पहचान करना, जिन्होंने कभी स्कूल में दाखिला नहीं लिया या पढ़ाई पूरी करने से पहले ही किसी कारणवश स्कूल छोड़ (School Dropouts) दिया। सर्वे के तहत गांव, शहर, झुग्गियों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, निर्माण स्थल आदि जगहों पर जाकर बच्चों की पहचान की जाएगी। ऐसे बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जो प्रवासी परिवारों, घुमंतू जनजातियों, घरेलू कामगारों या अन्य असुरक्षित स्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं। क्या है शिक्षकों की चिंता? (Punjab Schools Teachers)
शिक्षा विभाग के इस आदेश ने शिक्षकों की रातों की नींद उड़ा दी है। कई शिक्षकों का मानना है कि यह समय स्कूलों में पढ़ाई का है। आने वाले समय में वार्षिक परीक्षाएं हैं, जिसे लेकर स्कूलों में पहले से ही कई शैक्षणिक परियोजनाएं चल रही हैं। ऐसे में अब सर्वे का आदेश आने से उनकी परेशानी बढ़ गई है। शिक्षकों का कहना है कि इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। शिक्षकों पर इतनी सारी जिम्मेदारियों का बोझ एक साथ डालने से गुणवत्ता प्रभावित होगी।
16 दिसंबर तक भेजी जाएगी रिपोर्ट
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सर्वे पूरा होने के बाद, सभी प्राइमरी, मिडल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों से प्राप्त डाटा को 13 दिसंबर तक ‘चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम’ और ‘प्रबंधन पोर्टल’ (2025-26) पर अपडेट किया जाएगा। सभी जिलों से प्राप्त सर्वे की रिपोर्ट को 16 दिसंबर तक जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर सहित राज्य मुख्यालय की ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा।