कोर्स पूरा होने के बाद बनते हैं जूनियर डॉक्टर (Trainee Doctor)
12वीं की पढ़ाई के बाद छात्र मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेते हैं, जिसके लिए उन्हें नीट यूजी (NEET UG) परीक्षा पास करनी होती है। इस परीक्षा को पास करने के बाद मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिलता है। MBBS की पढ़ाई पूरी होने के बाद छात्रों की इंटर्नशिप होती है और फिर उन्हें बतौर जूनियर डॉक्टर (Trainee Doctor) नियुक्त किया जाता है। भारत में डॉक्टर के पेशे की शुरुआत जूनियर डॉक्टर के पद से होती है। ये वे डॉक्टर होते हैं, जो MBBS या सकक्ष डिग्री पूरी होने के बाद अस्पताल में शुरुआती दौर में काम करते हैं। जूनियर डॉक्टर के रूप में कैंडिडेट्स विभिन्न सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सेवा देने लगते हैं। यहां वो वरिष्ठ डॉक्टरों के मार्गदर्शन में काम करते हैं।
सरकारी अस्पताल में मिलती है इतनी सैलरी (Trainee Doctor Salary)
सरकारी अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों की सैलरी रेंज 50,000 से 70,000 तक होती है। इसके अलावा उन्हें जॉब सिक्योरिटी, अन्य तरह के भत्ते भी मिलते हैं। इसमें हाउसिंग और ट्रांसपोर्ट अलाउंस भी शामिल होता है। काम के अनुभव और विशेषज्ञता के साथ जूनियर डॉक्टर की सैलरी भी बढ़ती है।
प्राइवेट अस्पतालों में मिलती है इतनी सैलरी
वहीं प्राइवेट अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर की सैलरी 30,000 से लेकर 60,000 रुपये प्रति माह तक होती है। हालांकि, कुछ प्रमुख निजी अस्पतालों में यह 70,000 या उससे अधिक भी हो सकती है। यहां डॉक्टर के काम करने के घंटे सरकारी अस्पताल की तुलना में ज्यादा होते हैं। बता दें, सैलरी लोकेशन, अस्पताल और पे स्केल के आधार पर थोड़ी कम ज्यादा भी हो सकती है।