22 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय गणित दिवस? (National Mathematics Day 2024)
भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन (Indian Mathematician Srinivasa Ramanujan) का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु में हुआ था। ऐसे में उनके जन्मदिन को इस खास दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणित की दुनिया हो फिर बाहरी दुनिया रामानुजन को देश व दुनिया में हर कोई जानता है। आधुनिक गणितीय सिद्धांतों की नींव को लेकर रामानुजन को न केवल मातृभूमि भारत में जाना जाता है बल्कि दुनिया भर में उनकी ख्याति है। गणितीय विश्लेषण से लेकर अनंत श्रृंखला से लेकर निरंतर भिन्न और कई अन्य सिद्धांतों तक, रामानुजन के कार्य कई आधुनिक गणितीय सिद्धांतों की नींव रहे हैं। दिलचस्प तो है कि इस विषय में बिना किसी औपचारिक शिक्षा के बिना उन्होंने इतिहास रच दिया।
1911 में प्रकाशित हुआ पहला पेपर
रामानुजन ने 1911 में अपना पहला पेपर प्रकाशित किया। कैम्ब्रिज में अपने समय के दौरान, उन्हें एक ब्रिटिश गणितज्ञ जीएच हार्डी ने मार्गदर्शन किया, जिन्होंने उन्हें कई पत्रों में अपने निष्कर्ष प्रकाशित करने के लिए प्रोत्साहित किया। 1918 में रामानुजन रॉयल सोसाइटी के फेलो के रूप में चुने जाने वाले दूसरे भारतीय बने। कब हुई नेशनल मैथ्स डे मनाने की शुरुआत? (National Maths Day)
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने श्रीनिवास रामानुजन के नाम पर नेशनल मैथमेटिक्स डे का ऐलान किया था। रामानुजन के गणितिय योगदान के कारण उन्हें सम्मानित करने के लिए 2012 से हर साल उनके जन्मदिन को मैथमेटिक्स डे के रूप में मनाया जाएगा। रामानुजन का निधन 32 साल की उम्र में 26 अप्रैल 1920 को हुआ था।