Emoji System In Kochi School: स्कूलों का यह है कहना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक ऐसे ही स्कूल के शिक्षक ने कहा कि पारंपरिक तरीके से बच्चों को नंबर और ग्रेड देने के बजाय अगर एक स्टार या यहां तक कि एक ट्रॉफी जैसे इमोजी दिए जाए तो कितना अच्छा होगा। इससे बच्चों का न सिर्फ उत्साह वर्धन होगा बल्कि उनके मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव भी छोड़ेगा। क्योंकि आज के समय में बच्चे इमोजी जैसे चीज़ों से घिरे रहते हैं। इससे बच्चों का दिमाग ज्यादा सोचने और क्रिएटिव बनने की ओर बढ़ेगा।
CBSE: लिखित परीक्षा के स्थान पर एक्टिविटी हो रहा शामिल
इमोजी के साथ ही स्कूलों में पारंपरिक लिखित परीक्षा को भी ज्यादा तवज्जो नहीं देकर छात्रों के एक्टिविटी के आधार पर उनका मूल्यांकन किया जा रहा है। इस अनोखे प्रयोग में Concept Skill, Active Learning, Communication पर जोर दिया जाता है। छात्रों का मूल्यांकन उनके Project, Group Activity, Quiz जैसे एक्टिविटी से किया जाता है। शिक्षक भी छात्रों को आत्म-मूल्यांकन के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं।