निजी विश्वविद्यालयों तय तिथि में छात्रों को दें प्रवेश
निजी विश्वविद्यालयों में बैकडेट से डिग्रियां जारी होने और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए अब सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। निजी विश्वविद्यालयों के लिए राज्य सरकार ने सत प्रावधान तय कर दिए हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने इसका सर्कुलर भी जारी कर दिया। इसके तहत अब निजी विश्वविद्यालयों को 31 अगस्त से पहले या फिर राज्य सरकार की ओर से प्रवेश के लिए तय अंतिम तिथि तक (दोनों में से जो बाद में हो) प्रवेश देना होगा। इसके बाद अगर विश्वविद्यालयों ने प्रवेश दिया तो वह अवैध माना जाएगा। वहीं, परीक्षा परिणाम जारी होने के 15 दिन के भीतर उत्तीर्ण और अनुत्तीर्ण छात्रों की अंक तालिकाएं एक ही तिथि को जारी की जाएंगी। इन सभी अंक तालिकाओं पर एनरोलमेट नंबर, परीक्षा दिनांक, परीक्षा परिणाम जारी करने की तिथि, अंक तालिका जारी करने की तिथि आवश्यक रूप से लिखनी होगी। इस तय प्रारूप में अगर अंक तालिका नहीं होगी तो अवैध मानी जाएगी। विभाग ने निर्देश दिए हैं कि विवि अंक तालिकाओं को जारी करने के दिन ही डिजि लॉकर में अपलोड करेंगे। वहीं, राज्य सरकार को हर साल वार्षिक रिपोर्ट 15 फरवरी तक विश्वविद्यालयों को भेजनी होगी। उच्च शिक्षा के शासन सचिव सुबीर कुमार ने कहा, “निजी विश्वविद्यालयों को दिशा- निर्देशों की पालना करनी होगी। ऐसा नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। भर्तियों में पारदर्शिता और उच्च शिक्षा में सुधार के लिए ये प्रावधान तय किए हैं।”
विश्वविद्यालय छात्रों को पूरी फीस वापस करेगी
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से यूजीसी फीस रिफंड पॉलिसी 2023-24 जारी की है। यूजीसी ने कहा है कि छात्रों को फीस रिफंड नहीं की जा रही है, इसको लेकर अभिभावक लगातार शिकायत कर रहे थे। इसी को देखते हुए नीति जारी की है। पॉलिसी के तहत 30 सितंबर तक दाखिला वापस लेने वाले छात्रों को पूरी फीस कॉलेज या विश्वविद्यालय की ओर से वापस की जाएगी। वहीं, 31 अक्टूबर तक प्रवेश वापस लेने पर एक हजार रुपए की कटौती के साथ फीस वापस ली जाएगी।