scriptक्या होता है कामिल-फाजिल कोर्स, जो उत्तराखंड के मदरसों में Supreme Court के आदेश के बाद हुआ बंद | Kamil Fazil course closed in the madrasas of Uttarakhand after the order of the Supreme Court What is Kamil Fazil course | Patrika News
शिक्षा

क्या होता है कामिल-फाजिल कोर्स, जो उत्तराखंड के मदरसों में Supreme Court के आदेश के बाद हुआ बंद

Kamil Fazil course: उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन करते हुए इन कोर्सों को समाप्त करने का निर्णय लिया है।

नई दिल्लीJan 10, 2025 / 07:14 pm

Anurag Animesh

Supreme Court

Supreme Court

Supreme Court: उत्तराखंड के मदरसों में कामिल (यूजी) और फाजिल (पीजी) कोर्स अब बंद कर दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के एक मामले में यह स्पष्ट किया कि ये डिग्रियां केवल किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय द्वारा जारी की जा सकती हैं। मदरसा बोर्ड द्वारा इन डिग्रियों का प्रदान किया जाना असंवैधानिक और यूजीसी के नियमों के विपरीत है।
यह खबर भी पढ़ें:- ये है भारत का सबसे कम पढ़ा-लिखा राज्य

क्या होता है कामिल-फाजिल कोर्स?(What is Kamil Fazil course?)


कामिल-फाजिल कोर्स की बात करें तो मदरसा बोर्ड से मिलने वाली कामिल डिग्री को ग्रेजुएन (UG) के बराबर माना जाता है। वहीं फाजिल डिग्री को पोस्ट ग्रेजुएट (PG) डिग्री के बराबर मान्यता प्राप्त है। इस संबंध में कोर्ट ने आदेश दिया कि मदरसा बोर्ड द्वारा इन डिग्रियों का प्रदान किया जाना असंवैधानिक है।
यह खबर भी पढ़ें:- ये हैं भारत के 5 सबसे अधिक पढ़े-लिखे राज्य

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट के आदेश का होगा पालन


उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन करते हुए इन कोर्सों को समाप्त करने का निर्णय लिया है। बोर्ड अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि अब इन कोर्सों के परीक्षा फॉर्म नहीं भरवाए जाएंगे। जो छात्र पहले ही फॉर्म भर चुके हैं, उनकी फीस वापस कर दी जाएगी। शासन स्तर पर इस संबंध में काम किया जा रहा है और बोर्ड के एक्ट में संशोधन की तैयारी की जा रही है।
यह खबर भी पढ़ें:- राजस्थान में जूनियर टेक्निकल असिस्टेंट और अकाउंट सहायक के हजारों पदों पर निकली भर्ती

Madrasa: उत्तराखंड में कुल 415 मदरसे रजिस्टर्ड हैं


उत्तराखंड में कुल 415 मदरसे पंजीकृत हैं, जहां 46,000 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। इन मदरसों में शिक्षण स्तर को तीन चरणों में विभाजित किया गया है। पहला है तहतानिया, जिसका मतलब होता है, प्राइमरी स्तर। फौकानिया होता है जूनियर हाई स्कूल स्तर और आलिया होता है हायर सेकेंडरी स्तर।
यह खबर भी पढ़ें:- BPSC Teacher Vacancy: तीसरी बिहार शिक्षक भर्ती में कई हजार पद रह गए खाली, चौथे चरण में 50 हजार से अधिक सीटों पर निकल सकती है भर्ती

Madrasas of Uttarakhand: बोर्ड ने भी रखा अपना मत


बोर्ड अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई जाएगी। बोर्ड उन छात्रों के लिए विकल्प तलाशेगा, जो पहले से इन कोर्सों में पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा, कामिल और फाजिल कोर्स को किसी विश्वविद्यालय से पंजीकृत करने पर भी काम किया जाएगा।

Hindi News / Education News / क्या होता है कामिल-फाजिल कोर्स, जो उत्तराखंड के मदरसों में Supreme Court के आदेश के बाद हुआ बंद

ट्रेंडिंग वीडियो