scriptSuccess Story: जेईई क्रैक करने वाली मधुलता अब नहीं चराएगी बकरी, IIT में पढ़ने का सपना होगा पूरा  | JEE Success Story of Badavath Madhulata selected in IIT Patna is so poor and no longer graze goats | Patrika News
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Success Story: जेईई क्रैक करने वाली मधुलता अब नहीं चराएगी बकरी, IIT में पढ़ने का सपना होगा पूरा 

Success Story: बदावथ मधुलता तेलंगाना के राजन्ना सिरसिला जिले की रहने वाली हैं जिन्होंने इस साल आईआईटी पटना में अपनी जगह बनाई है। आइए, जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी

नई दिल्लीJul 28, 2024 / 11:15 am

Shambhavi Shivani

JEE Success Story
JEE Success Story: तेलंगाना की बदावथ मधुलता (Badavath Madhulatha) ने JEE क्रेक कर अपने सपने की ओर एक ऊंची छलांग लगाई है। बदावथ एक बेहद गरीब परिवार से आती हैं। लेकिन उन्होंने अपने हालात से समझौता नहीं किया और बकरियां चराकर अपनी जेईई की पढ़ाई की। मधुलता तेलंगाना की रहने वाली हैं। उन्होंने इस साल जेईई में 824वीं रैंक हासिल की है और आईआईटी पटना में जगह बनाई है। 

कौन हैं बदावत मधुलता (Badavath Madhulatha)

बदावथ मधुलता तेलंगाना के राजन्ना सिरसिला जिले की रहने वाली हैं जिन्होंने इस साल आईआईटी पटना (IIT Patna) में अपनी जगह बनाई है। मधुलता ने अनुसूचित जनजाति (ST) कैटेगरी में 824वीं रैंक हासिल की है। उनके पिता मजदूरी करते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। परिवार को सपोर्ट करने के लिए मधुलता बकरी चराती थीं। उन्होंने अपनी गरीबी को कमजोरी नहीं बनाया बल्कि उससे लड़कर जीत हासिल की। मधुलता उन तमाम लड़कियों/बेटियों के लिए प्रेरणा बन गईं जो अपने हालात से हार जाती हैं। 
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परिवार के पास नहीं है फीस जुटाने के पैसे

मधुलता ने परीक्षा तो क्रैक कर लिया लेकिन उनका परिवार बीटेक करने के लिए ट्यूशन फीस और अन्य खर्च उठाने में सक्षण नहीं है। मधुलता के परिवार को बीटेक कोर्स के लिए कम से कम 2.51 लाख रुपये जुटाने होंगे। उनके परिवार ने पिछले महीने बेटी का एडमिशन सुरक्षित रखने के लिए 17,500 रुपये का भुगतान किया है। लेकिन परिवार के सामने अभी भी मोटी रकम बची है। 
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एक ट्वीट से मधुलता की कहानी आई सामने (Success Story)

अक्सर मधुलता जैसे बच्चों की सक्सेस स्टोरी (Success Story) तो हमारे सामने आ जाती है। लेकिन हम ये नहीं जान पाते कि उन्हें उस सफलता को पाने के लिए क्या कीमत चुकानी पड़ी। मधुलता के संघर्ष के बारे में भी लोगों को तब पता चला जब ट्राइबल वेलफेयर जूनियर कॉलेज के फैकल्टी ने जहां उन्होंने अपनी कक्षा 12वीं की पढ़ाई पूरी की, 27 जुलाई को फीस भुगतान की अंतिम तिथि नजदीक आने पर मदद की अपील की थी। 

मुख्यमंत्री ने दी बधाई (CM Revanth Reddy)

वहीं जब तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को पता चला कि बदावथ आईआईटी पटना (IIT Patna) में सीट पाने के बावजूद भी बकरियां चरा रहीं हैं और इसका कारण है उनकी गरीबी, तब मुख्यमंत्री ने मधुलता को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बदावथ को बधाई दी। साथ ही X पर बदावथ की पढ़ाई के लिए आदिवासी कल्याण विभाग द्वारा आवश्यक धनराशि जारी करने की घोषणा कर दी।

सरकार की ओर से मिली धनराशि 

मधुलता ने आदिवासी कल्याण आयुक्त से 2,51,831 रुपये की मांग की थी। इस पर उन्हें राज्य सरकार द्वारा 1 लाख रुपये की छूट मिली तथा अन्य खर्चों जैसे कि शैक्षणिक शुल्क, छात्रावास शुल्क, मेस शुल्क और लैपटॉप आदि के लिए1,51,831 रुपये की मदद की गई। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि मधुलता बेहतरीन परफॉर्म करेंगी और तेलंगाना का गौरव बढ़ाएंगी। 

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