जेईई परीक्षा पेपर-1 और पेपर-2 के बीच अंतर (Difference between Paper 1- 2)
जेईई पेपर-1 के जरिए आप बी.टेक में एनआईटी (NIT), आईआईआईटी (IIIT), सीएफटीआईएस (CFTIs) और एसएफआईएस (SFIs) में एड्मिशन पा सकते हैं। वहीं पेपर-2 बी. आर्क, बी-प्लानिंग जैसे कोर्स ऑफर करता है। आसान शब्दों में कहें तो पेपर-1 इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स के लिए है और पेपर-2 आर्ट्स के स्टूडेंट्स के लिए।
पेपर-1 कितने मार्क्स का होता है और इसकी समय सीमा (All About JEE Main Paper-1)
बता दें, पेपर-1 तीन घंटे की परीक्षा होती है, जिसमें मैथ्स, फीजिक्स और केमिस्ट्री से सवाल पूछे जाते हैं। सभी विषय से 30 सवाल पूछे जाते हैं, जिसमें से हर सही सवाल पर चार नंबर मिलते हैं और एक गलत जवाब पर एक चौथाई नंबर काट लिए जाते हैं। । तीनों ही विषय 120 मार्क्स के होते हैं और कुल मिलाकर यह परीक्षा 360 मार्क्स की होती है।
Professional Courses: ग्रेजुएशन के बाद इन कोर्सेज में करें अप्लाई, गारंटी मिलेगी नौकरी
पेपर-2 कितने मार्क्स का होता है और इसकी समय सीमा (All About JEE Main Paper-2)
वहीं पेपर-2 भी तीन घंटे की परीक्षा होती है। इसमें मैथ्स, एप्टीट्यूड और ड्रॉइंग एप्टीट्यूड से सवाल रहते हैं। मैथ्स से 30 सवाल आते हैं और ये विषय कुल 120 मार्क्स का रहता है। वहीं एप्टीट्यूड से 50 सवाल पूछे जाते हैं और ये विषय कुल 200 मार्क्स का होता है। ड्रॉइंग एप्टीट्यूड से 2 सवाल होते हैं और ये विषय कुल 70 मार्क्स का रहता है। जेईई मेन का पेपर -2 (JEE Main Paper-2) कुल मिलाकर 390 मार्क्स का होता है। इच्छुक छात्र और छात्राएं दोनों ही परीक्षा के लिए अप्लाई कर सकते हैं।