scriptInspirational Story: मैथ्स के प्री बोर्ड में नहीं आए थे अच्छे अंक पर हार नहीं मानी, 96.8 प्रतिशत से हुई पास, जानिए स्ट्रैटजी | Inspirational Story, Shlesha Pandey Score 96.8 percent, CBSE 10th Result, CBSE Result 2024 | Patrika News
शिक्षा

Inspirational Story: मैथ्स के प्री बोर्ड में नहीं आए थे अच्छे अंक पर हार नहीं मानी, 96.8 प्रतिशत से हुई पास, जानिए स्ट्रैटजी

Inspirational Story: लोग कहते हैं कि बोर्ड्स बहुत टफ होते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। बोर्ड्स में स्कोर करना मुश्किल नहीं है बस इसके लिए स्ट्रैटजी फॉलो करनी पड़ती है।

जयपुरMay 14, 2024 / 04:11 pm

Shambhavi Shivani

Inspirational Story Of Shlesha Pandey
Inspirational Story Of Shlesha Pandey: जीवन में हार जीत तो लगा रहता है। किसी ने किसी मोड़ पर जीवन में हर व्यक्ति हार का सामना करता है। लेकिन हमें ये बात याद रखनी चाहिए कि हार क्षणिक है और हौंसला निरंतर, जिसने ये बात समझ ली वो सफलता जरूर हासिल करता है। कुछ ऐसी ही कहानी है श्लेषा पांडेय की, जिन्होंने सीबीएसई 10वीं कक्षा (CBSE 10th Result 2024) में 96.8 प्रतिशत हासिल किया है। 

विदेश से पढ़ाई करना है सपना 

श्लेषा पांडेय ने जयपुर के जेपीजीएस स्कूल से पढ़ाई की है। उन्होंने 10वीं में 96.8 प्रतिशत हासिल करके अपने माता-पिता का नाम रोशन किया। श्लेषा की इच्छा है कि वे उच्च शिक्षा (Abroad For Higher Education) के लिए विदेश जाएं इसलिए उन्होंने 10वीं में अच्छे स्कोर का टारगेट रखा था। श्लेषा को धक्का तब लगा जब मैथ्स के प्री बोर्ड में उन्हें बहुत कम अंक आए। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी हिम्मत को टूटने नहीं दिया। बोर्ड्स के लिए श्लेषा ने रात-दिन एक कर दी। 
यह भी पढ़ें

झुंझुनूं की बेटी ने CBSE परीक्षा में दिखाया अपना कमाल, जानिए सफलता का राज 

अन्य छात्रों के साथ शेयर किया सक्सेस टिप्स, कहा- NCERT की किताब पढ़ें (Success Mantra)

राजस्थान पत्रिका से बातचीत में श्लेषा ने बताया कि उन्होंने बोर्ड परीक्षा के 3-4 महीने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी। वे सैंपल पेपर बनाया करती थीं और साथ ही एनसीईआरटी की किताबें (NCERT Books) भी पढ़ती थीं। कहा, “मैंने 5-6 बार अच्छे से एनसीईआरटी की किताबें पढ़ी हैं और उनके बैक एक्सरसाइज कवर किया। मैथ्स के लिए भी मैंने 4-5 बार एनसीईआरटी की किताबें पढ़ी और इसके बाद ही रेफरेंस बुक पढ़ा।” श्लेषा ने बताया कि उन्होंने बोर्ड परीक्षा से पहले तक 30-40 सैंपल पेपर बनाया था। वे हर दिन 5-6 घंटे की पढ़ाई करती थी। इस दौरान वे पहले हल्के टॉपिक से शुरू करती थी। 
यह भी पढ़ें

पिता करते हैं चपरासी की नौकरी, बेटे ने बिना कोचिंग के 12वीं में किया टॉप, जानिए सक्सेस का राज

बोर्ड टफ नहीं है बस मेहनत करने की जरूरत है

श्लेषा ने कहा कि लोग कहते हैं कि बोर्ड्स बहुत टफ होते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। बोर्ड्स में स्कोर करना मुश्किल नहीं है बस इसके लिए स्ट्रैटजी फॉलो करनी पड़ती है। श्लेषा ने कहा कि आजकल कई छात्र-छात्राएं यूट्यूब से पढ़ाई करते हैं। लेकिन पूरी तरह से यूट्यूब पर निर्भर नहीं होना चाहिए। उन्होंने एनसीईआरटी की किताबें पढ़ने की सलाह दी। 

मां और शिक्षकों को दिया सफलता का श्रेय 

श्लेषा ने कहा कि मेरी इस सफलता का श्रेय मेरी मां को जाता है। उन्होंने बहुत सपोर्ट किया। साथ ही मेरी सेहत का ध्यान भी रखा करती थीं। मुझे एक्सरसाइज कराना और अच्छा डाइट देना, ये सब उनकी ही जिम्मेदारी थी। इसके अलावा मेरे शिक्षकों ने भी बहुत अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने सीबीएसई के पैटर्न समझने में बहुत मदद की। साथ ही ज्यादा से ज्यादा अंक लाने के लिए प्रेरित किया। 

Hindi News/ Education News / Inspirational Story: मैथ्स के प्री बोर्ड में नहीं आए थे अच्छे अंक पर हार नहीं मानी, 96.8 प्रतिशत से हुई पास, जानिए स्ट्रैटजी

ट्रेंडिंग वीडियो