शीर्ष अदालत चंदन कुमार और अन्य द्वारा आईआईटी में प्रवेश के लिए 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत अंकों की पात्रता मानदंड के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया कि छात्रों को कोविड-19 महामारी के दौरान छूट दी गई थी और उन्हीं छात्रों के पास अब प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए परीक्षा पास करने की अधिक संभावनाएं हैं। वकील ने कहा उन्होंने संयुक्त प्रवेश परीक्षा, जेईई (मुख्य) में 98 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। ये इंटेलिजेंट स्टूडेंट है, कृपया उन्हें अनुमति दें।
याचिकाकर्ता के वकील ने प्रस्तुत किया कि आवेदक ने जेईई मेन्स में 92 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं और जेईई एडवांस में उपस्थित होने के योग्य है। हालाँकि, उसे प्रवेश नहीं मिलेगा भले ही वह पास हो जाए क्योंकि उसका बोर्ड परीक्षा स्कोर 75 प्रतिशत से कम है। इस वर्ष जारी संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) एडवांस ब्रोशर के अनुसार, उम्मीदवारों को कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा में कम से कम 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करने की आवश्यकता है।