CJI : ऐसे होता है मुख्य न्यायाधीश का चुनाव
हमें सबसे पहले तो यह समझना होगा कि भारत के संविधान (Constitution of India) में इस बात का ब्योरा नहीं मिलता है कि देश के चीफ जस्टिस की नियुक्ति कैसे होगी? हालांकि संविधान के अनुच्छेद 126 में कार्यकारी CJI की नियुक्ति के बारे में जिक्र जरूर मिलता है। भारत के चीफ जस्टिस यानी कि मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय संविधान के अधिनियम संख्या 124 के दूसरे अनुच्छेद के अंतर्गत होती है।
CJI : प्रधानमंत्री का भी है अहम रोल
जब भी किसी मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल खत्म होने वाला होता है, तो देश के कानून मंत्री देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के लिए वर्तमान के मुख्य न्यायाधीश से नाम प्रस्तावित करने के लिए कहते हैं। मुख्य न्यायाधीश अपने सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों के कॉलेजियम के परामर्श से सबसे वरिष्ठतम न्यायाधीश का नाम आगे करते हैं। हालांकि कभी-कभी वरिष्ठतम न्यायाधीश के बजाय किसी न्यायाधीश के अनुभव और तजुर्बे को महत्व दिया जाता है। लेकिन ऐसा हर बार नहीं होता है। सबसे वरिष्ठतम न्यायाधीश का प्रस्तावित नाम कानून मंत्री देश के प्रधानमंत्री को भेजते हैं।
CJI : राष्ट्रपति की लगती है अंतिम मुहर
कानून मंत्री से प्राप्त नाम को प्रधानमंत्री अपनी मुहर लगाकर देश के राष्ट्रपति को भेजते हैं। जिसके बाद देश के राष्ट्रपति होने वाले अगले मुख्य न्यायाधीश के नाम पर मुहर लगाते हैं।