प्रश्न (1) – हम मोटे कैसे हो जाते हैं?
एक वैज्ञानिक अध्ययन से पता लगा है कि चूहों के शरीर में पैनेक्सिन 1 नाम का एक प्रोटीन होता है, जो उनके शरीर में वसा या फैट का नियमन करता है। शारीरिक विकास के शुरुआती समय में पैंक्स 1 जीन के कमजोर हो जाने से फैट बढऩे लगता है। इसके पहले ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने ‘एफटीओ’ नामक विशेष कोशिका खोज निकाली थी, जिसकी वजह से मोटापा, हृदयाघात और मधुमेह जैसी बीमारियां देखने को मिलती हैं। जिनके शरीर में यह खास किस्म का जीन पाया जाता है, उन्हें अगर एक प्रकार का आहार दिया जाए तो वह उन लोगों के मुकाबले अपना वजन बढ़ा हुआ महसूस करते हैं, जिनके शरीर में यह जीन नहीं होता है। वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि इस जीन को खोज लिया गया है, जो कोशिकाओं में चर्बी जमा होने के लिए जिम्मेदार हैं। इन्हें फिट-1 व फिट-2 (फैट इंड्यूसिंग ट्रांसक्रिप्ट 1-2) जीन कहा जाता है।
प्रश्न (2) – प्रेशर कुकर में खाना जल्दी क्यों पकता है?
जब आप भगौने या किसी अन्य खुले बर्तन में खाना बनाते हैं, तो उसमें बनने वाली भाप बेकार हो जाती है, असल में खाना पकाने में भाप का बहुत महत्व होता है, जब आप बर्तन को ढंक देते हैं या कुकर में खाना पकाते हैं तो उसमें बनने वाली भाप बेकार नहीं जाती है। ढंके बर्तन में दबाव भी अधिक होता है। नियमानुसार जैसे-जैसे दाब बढ़ता है पानी का क्वथनांक बढ़ता जाता है यानी वह जल्दी उबल जाता है। प्रेशर कुकर में दाब अधिक हो जाने के कारण पानी या उसमें पकाए जाने वाले पदार्थों का क्वथनांक बढ़ जाता है यानि वह जल्दी उबल जाते हैं और जल्दी पक जाते हैं।
प्रश्न (3) – इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में फ्यूज क्यों लगाया जाता है?
दरअसल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में लगे फ्यूज का कार्य अधिक विद्युत धारा हो जाने पर विद्युत-परिपथ को काट देना है। असल मेंं फ्यूज एक ऐसे तार का छोटा सा टुकड़ा होता है, जो गर्म होने पर आसानी से पिघल जाता है। यह तार सीसा धातु के एक विशेष मिश्रण से बनाया जाता है। इस तार का पिघलांक बहुत कम होता है, इस तार को विशेष होल्डर में लगाया जाता है, जिसे फ्यूज होल्डर कहते हैं। यह पोर्सलीन या एबोनाइट या किसी दूसरे विद्युत अवरोधी पदार्थ से बनाया जाता है। फ्यूज दो प्रकार के होते हैं प्लग फ्यूज और कार्टरिज। फ्यूज प्लग का प्रयोग कम विद्युत के लिए किया जाता है। जब किसी उपकरण में फ्यूज लगा होता है तो वह उतनी ही सीमित विद्युत धारा उपकरण तक पहुंचने देता है, जितनी उस उपकरण को जरूरत है लेकिन कभी अगर विद्युत धारा बढ जाती है तो यह फ्यूज पिघल कर टूट जाता है और विद्युत धारा उपकरण तक नहीं पहुंच पाती है। इस प्रकार विद्युत उपकरण खराब होने से बच जाते हैं।