नोट कर लें महत्वपूर्ण तिथि (CBSE Revaluation Important Dates)
- नंबर वैरीफिकेशन- 20 से 24 मई
- आंसर शीट की फोटो कॉपी- 4 से 5 जून
- री-इवैल्युएशन – 9 से 10 जून
पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया स्टेप बाय स्टेप है। मार्क्स वेरिफिकेशन पहला स्टेप है। इस प्रोसेस में छात्रों के नंबर का पुनर्मूल्यांकन होता है और फिर वही नंबर (कम या ज्यादा) जारी किया जाता है। आंसर शीट फोटो कॉपी के रूप में जारी होता है। सीबीएसई बोर्ड से आंसर कॉपी मिलने के बाद छात्र उसे चेक करते हैं। अगर छात्र अपने नंबर से संतुष्ट हैं तो इस प्रोसेस पर यहीं पूर्ण विराम लग जाता है। लेकिन अगर कोई छात्र रीइवैल्युशन (CBSE Revaluation) से संतुष्ट नहीं है तो इसका मतलब है कि कॉपी फिर से चेक की जाएगी। पुनर्मूल्यांकन (CBSE Revaluation) के बाद यदि छात्र को एक भी अंक कम या ज्यादा मिलते हैं तो उसे वही स्वीकार करना होगा। पुनर्मूल्यांकन (CBSE Revaluation) की इस पूरी प्रक्रिया के दौरान छात्रों को अपनी मार्कशीट बोर्ड के पास सरेंडर करनी होती है।