विदेशों के साथ शेयर की जानकारी
स्विस बैंकों के विदेशी क्लायट्ंस की जानकारी शेयर करने वाली स्विट्जरलैंड सरकारी एजेंसी फेडरल टैक्स ऐडमिनिस्ट्रेशन के एनालिसिस से मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि स्विस सरकार ने हाल ही के महीनों में कई देशों के साथ अपने बैंकों में खाता रखने वाले अन्य देशों के नागरिकों की जानकारियां उन देशों की सरकारों के साथ साझा की है। भारत से संबंधित मामलों में यह वृद्धि पिछले कुछ हफ्तों में आई है।
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11 लोगों को भेजा है नोटिस
आपको बता दें कि भारत सरकार ने 21 मई को एक ही दिन में 11 भारतीय नागरिकों को स्विट्जरलैंड की ओर से नोटिस भेजा गया और इससे पहले 7 और 14 मई को भी कई लोगों को नोटिस भेजा जा चुका है। इसके साथ ही ये भी खबर आ रही है कि जिन लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है उसमें कई लोगों का नाम पनामा पेपर्स भी आए हैं।
2 लोगों के नामों को किया गया सार्वजनिक
11 भारतीयों में से अभी तक केवल दो भारतीयों की जानकारियों के बारे में ही सरकार को जानकारी मिली है। मई 1949 में पैदा हुए कृष्ण भगवान रामचंद और सितंबर 1972 में पैदा हुए कल्पेश हर्षद किनारीवाला शामिल हैं। हालांकि, इनके बारे में अन्य जानकारियों का खुलासा नहीं किया गया है। और बाकी 9 लोगों के नाम का पहला अक्षर और जन्मतिथि ही बताई गई हैं और किसी भी प्रकार की जानकारी उनके बारे में शेयर नहीं की गई है। सरकार को उम्मीद है कि जल्द से जल्द सभी के बारे में जानकारी मिल जाएगी।
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9 लोगों के बारे में हुआ ये खुलासा
इसके अलावा 9 लोगों के नाम के शुरुआती अक्षर बताये गए हैं उनमें 24 नवंबर 1944 को पैदा हुईं मिसेज एएसबीके, 9 जुलाई 1944 को पैदा हुए मिस्टर एबीकेआई, 2 नवंबर 1983 को पैदा हुईं श्रीमती पीएएस, 22 नवंबर 1973 को पैदा हुईं श्रीमती आरएएस, 27 नवंबर 1944 को पैदा हुए एपीएस, 14 अगस्त 1949 को पैदा हुईं श्रीमती एडीएस, 20 मई 1935 को पैदा हुए एमएलए, 21 फरवरी 1968 को पैदा हुए मिस्टर एनएमए और 27 जून 1973 को पैदा हुए मिस्टर एमएमए शामिल हैं।
स्विट्जरलैंड में खाता रखने वालों को नहीं होता गोपनीयता का डर
बता दें कि स्विट्जरलैंड अपने बैंकों में खाते रखने वाले ग्राहकों की गोपनीयता बनाये रखने को लेकर जाना जाता रहा है, लेकिन कर चोरी के मामले में वैश्विक स्तर पर समझौते के बाद गोपनीयता की यह दीवार अब सुरक्षित नहीं रह गई है। खाताधारकों की सूचनाओं को साझा करने को लेकर भारत सरकार के साथ उसने समझौता किया है। अन्य देशों के साथ भी ऐसे समझौते किए गए हैं।