यह भी पढ़ेंः- देश में ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए 24 कंटेनर्स इंपोर्ट करेगा टाटा ग्रुप
किस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा ऐसा
सुप्रीम कोर्ट ने राधाकृष्ण इंडस्ट्रीज द्वारा हिमाचल प्रदेश के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर प्रदेश के जीएसटी अधिनियम की धारा-83 की व्याख्या करने के दौरान ऐसा कहा है। पीठ ने कहा कि कमिश्नर को इस बात का जरूर ख्याल रखना चाहिए कि इस तरह के प्रावधान लोगों की संपत्ति पर हमला करने के लिए बिल्कुल भी नहीं है। इसका इस्तेमाल राजस्व के हितों की रक्षा के लिए तब करना चाहिए जब कोई दूसरा रास्ता ना बचा हो। इससे पहले हाईकोर्ट ने अथॉरिटी द्वारा अस्थायी रूप से संपत्ति जब्त करने के फैसले के खिलाफ राधाकृष्ण इंडस्ट्रीज की याचिका को खारिज कर दिया था।
यह भी पढ़ेंः- कोरोना की दूसरी वेव के दौरान अप्रैल में सोना हुआ 2900 रुपए महंगा, चांदी की कीमत में भी तेजी
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार राधाकृष्ण इंडस्ट्रीज पर 5.03 करोड़ रुपए का कर्ज था। सुप्रीम कोर्ट में याचिका में कहा है कि धारा-83 के तहत जब्ती की कार्रवाई का प्रावधान बेरहम व कठोर है। इससे पहले सात अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संसद की मंशा थी कि जीएसटी नागरिकों के अनुकूल कर ढांचा हो लेकिन जिस तरह से इसे देश भर में लागू किया जा रहा है, वह इसके उद्देश्य को खत्म कर रहा है।