प्रस्ताव में मसूर पर बीसीडी 40 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी करने की मांग की गई थी। बोरिक एसिड पर सीमाशुल्क 17.5 फीसदी से बढ़ाकर 27.5 फीसदी हो जाएगा। वहीं, डॉयग्नॉस्टिक मदों में शुल्क 20 फीसदी से बढ़कर 30 फीसदी हो जाएगा।
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वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से दोनों वैधानिक प्रस्ताव पेश किए जिन्हें ध्वनिमत से स्वीकार किया गया। पहले प्रस्ताव में सीमाशुल्क अधिनियम 1975 की पहली अनुसूची के अध्याय 98 के तहत 9806 00 00 नए शुल्क मद शामिल करने के लिए फरवरी 2019 में जारी अधिसूचना को मंजूरी प्रदान करने की मांग की गई जिसके तहत पाकिस्तान से आयातित सभी वस्तुओं पर सीमाशुल्क बढ़ाकर 200 फीसदी करने का जिक्र है।
पाक को पड़ सकता है भारी
भारत के इस कदम से कंगाली से गुजर रहे और कर्जे में डूबे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है। यहां यह बताना बेहद जरूरी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 2012 के आंकड़े के मुताबिक़, करीब 2.60 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है। ऐसे में पाक को भारत के साथ कारोबारी लिहाज से बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।
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भारत-पाक के बीच इन चीजों का है बड़ा कारोबार
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमेंट, चीनी, रुई, सब्जियों, ऑर्गेनिक केमिकल, चुनिंद फल, ड्राई फ्रूट्स, मिनरल ऑयल, स्टील जैसी कमोडिटीज़ और वस्तुओं का कारोबार दोनों देशों के बीच होता है।
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