आधार की मदद से GST रजिस्ट्रेशन
वित्त मंत्री ( finance minister ) ने कहा कि बैठक अनुकूल रहा। इस बैठक में काउंसिल ने जीएसटी एंटी प्रॉफिटियरिंग बॉडी ( Anti-Profiteering Body ) की अवधि को दो सालों के लिए बढ़ा दिया गया है। वहीं, जीएसटी रजिस्ट्रेशन ( GST Registration ) में कारोबारियों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए कई डॉक्युमेंट्स की जगह आधार के इस्तेमाल करने की मंजूरी भी दी गई है। पहले इसके लिए कारोबारियों को कई तरह के डॉक्युमेंट्स देने होते थे, लेकिन अब यह यह केवल आधार की मदद से ही किया जा सकेगा। राजस्व सचिव ने कहा कि आधार की मदद से कारोबारियों को और भी सहूलियतें मिल सकेंगी। अब जो व्यक्ति जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना चाहता है, वो ऑनलाइन जाकर अपने आधार कार्ड की मदद से OTP जेनरेट कर सकता है। इस ओटीपी की मदद से ही जीएसटीएन पोर्टल ( GSTN Portal ) पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। साथ ही कारोबारी को जीएसटीएन नंबर भी मिल जाएगा।
सिंगल रिटर्न फार्म 20 जनवरी से
राजस्व सचिव ने बताया कि काउंसिल के पिछले बैठक में कई बदलावों को इस बार मंजूरी दे दी गई है। इसमें जीएसटी रजिस्ट्रेशन करने की न्यूनतम सीमा को 20 लाख से बढ़ाकर 50 लाख तक कर दिया गया है। पहले इसे नोटिफिकेशन के जरिए किया जाता था, लेकिन अब नियमों में बदलाव कर दिया गया है। राजस्व सचिव अजय भुषण पांडेय ने बताया कि नए सिंगल रिटर्न फॉर्म को जनवरी 2020 से जारी कर दिया जाएगा।
5 करोड़ से कम टर्नओवर होने पर तिमाही आधार पर भरना होगा रिटर्न
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले डीलर्स को तिमाही आधार पर रिटर्न भरना होगा। वहीं, 5 करोड़ रुपये से अधिक के रिटर्न वाले डीलर्स को हर माह रिटर्न भरना होगा। पिछली बैठक में इस फैसले पर भी नोटिफिकेशन जारी किया गया था, लेकिन इस बैठक में मंजूरी मिलने के बाद अब यह नियम बन गया है।
जीएसटी अपीलेट ट्रिब्युनल बनाने की भी मंजूरी
इस बैठक में इस फेडरल टैक्स बॉडी ने 26 राज्यों द्वारा जीएसटी ट्रिब्युनल बनाने के प्रस्ताव को भी मान लिया है। जीएसटी नियमों के तहत हर राज्य में अपीलेट ट्रिब्युनल का बेंच बनाया जा सकता है। बैठक में क्षेत्र और राज्यों आधारित अपीलेट ट्रिब्युनल (GSTAT) बनाने की भी मंजूरी दी है। कुछ राज्यों में एक से अधिक GSTAT हैं।