जीडीपी ( GDP ) में रफ्तार के लिए ठोस कदम
छोटे कारोबारियों से लेकर के आम जनता और किसानों तक सभी को उम्मीद है कि निर्मला सीतारमण के पिटारे से इस बार कुछ खास निकल सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) को जीडीपी की रफ्तार को बढ़ाने के लिए तुरंत कोई सख्त कदम उठाना होगा। इसके साथ ही कृषि संकट और वित्तीय क्षेत्र के संकटों को ठीक करने के लिए भी जल्द से जल्द कोई एक्शन लेना होगा। मोदी सरकार आने वाले 5 सालों में टैक्स सिस्टम में भी बड़े बदलाव कर सकती है। टैक्स सुधार में सरकार का फोकस कॉरपोरेट टैक्स की दरों को कम करने पर होगा। इसके अलावा बैंकिंग सेक्टर को भी बढ़ावा देने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे।
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वित्तीय क्षेत्र में भी खड़ी हुई परेशानियां हालांकि, बैंकिंग क्षेत्र एनपीए और गैर-बैंकिंग वित्त क्षेत्र (एनबीएफसी) में लोन न चुकाने के कारण वित्तीय क्षेत्र में भी संकट खड़ा हो गया है। सरकार को बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत करने के लिए ऐसे नियमों को बनान होगा, जिसमें लोन डूबने की संभावनाएं कम हो। देश में हुए करोड़ों रुपए के लोन घोटाले के बाद वित्तीय संकट में काफी परेशानियां आ गईं हैं। इस बार सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की मदद के लिए भी फंड बनाना चाहिए। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को इस समय अधिक पूंजी की आवश्यक्ता है। इसके अलावा सरकार को IBC मामलों का जल्द से जल्द समाधान करने के लिए और बैंकों को अच्छी गुणवत्ता की एनबीएफसी संपत्ति खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना वित्तीय क्षेत्र के संकट को कम कर सकता है।
LTCG करेगा बाजार को बूस्ट सरकार लिक्विडिटी फंड बनाकर शैडो बैंकिंग और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों पर फोकस करने से भी देश की अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा। अगर सरकार इस तरह की कोई भी घोषणा करती है तो इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार मिलेगी और सभी लोग खुशी-खुशी इसका स्वागत करेंगे। इसके अलावा देश में विकास को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार अच्छे रुपए खर्च कर सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को fiscal prudence का भी इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही बाजार में बहार लाने के लिए सरकार को लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ पर ध्यान देगा होगा। अगर long-term capital gains की ओर सरकार ध्यान देती है तो आने वाले समय में बाजार भी काफी ऊंचाइयों पर पहुंच सकता है। इससे कंपनियों की इक्विटी भागीदारी बढ़ेगी और घरेलू बचत को अर्थव्यवस्था में शामिल करने में मदद मिलेगी।
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आगामी बजट से कई सेक्टर को काफी उम्मीदें हैं। इनमें ऑटोमोबाइल, बीएफएसआई, कैपिटल गुड्स और सीमेंट शामिल हैं। आइए आपको बताते हैं कि इन खास सेक्टर्स को बजट से क्या उम्मीदें हैं-