उद्योग मंत्रालय ने टेक्सटाइल ( Textile ), कंस्ट्रक्शन (construction ), जैसे 15 बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में काम शुरू करने की सिफारिश की है। इसके अलावा स्ट्रीट वेंडर्स को पहचान-पत्र के साथ काम करने की मंजूरी देने का भी सुझाव दिया है। सरकार अगर ये फैसला करती है तो इकोनॉमी पर असर पड़ने के साथ इसका असर सीधा लोगों की जिंदगी पर देखने को मिलेगा।
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अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर को होगा सबसे ज्यादा फायदा- लॉकडाउन में आंशिक छूट का सबसे ज्यादा फायदा अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर के लोगों को होगा। काम शुरू होने पर दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले ये लोग फिर से काम करना शुरू कर पाएंगे । कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक सरकार के इस फैसले से इस सेक्टर में काम करने वाले 4-5 करोड़ वो लोग जो फल-सब्जी की रेहड़ी और इलेक्ट्रिशियन-मैकेनिक का काम करते हैं वो अपना काम करना शुरू कर पाएंगे । इसीतरह सड़क परिवहन, मोबाइल मेन्यूफैक्चरिंग, कोल एंड माइनिंग समेत कई छोटी-बड़ी इंडस्ट्री में काम करने वाले करीब 2 करोड़ से ज्यादा लोग भी काम पर वापसी कर पाएंगे।
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इसी तरह कंस्ट्रक्शन सेक्टर में पूरे देश में करीब 6 करोड़ से ज्यादा लेबर काम करते हैं। इनमें से 60 फीसदी से ज्यादा को डेवलपर मजदूरी दे रहे हैं और कंस्ट्रक्शन साइट के आस-पास ज्यादा आबादी न होने के कारण कोरोना का खतरा कम होगा ऐसे में इस सेक्टर में काम करनेवालों को भी फायदा हो सकता है।