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सिसोदिया ने कहा कि प्याज की बढ़ती कीमतों से लोग परेशान हैं। उन्होंने कहा, “यह पूरे देश का मामला है, लेकिन दिल्ली में केंद्र सरकार जानबूझकर प्याज की किल्लत पैदा कर रही है। दिल्ली सरकार की ओर से बार-बार मांग किए जाने के बावजूद प्याज केंद्र ने प्याज देना रोक दिया है। केंद्र सरकार ने पांच सितंबर को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार को कहा था कि उसके पास 56,000 टन प्याज है और वह अपनी आवश्यकतानुसार प्याज ले सकती है।
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सिसोदिया ने कहा कि शीघ्र ही दिल्ली सरकार ने सूचित किया कि वह 10 ट्रक प्याज (2.5 लाख किलो) रोजाना लेकर सस्ते दाम पर बेचेगी ताकि जमाखोरी पर लगाम लगे। उन्होंने 9 दिसंबर तक रोजाना आधार पर प्याज का प्रावधान करने की मांग भी की। दिल्ली के डिप्टी सीएम ने बताया कि हालांकि केंद्र सरकार ने 10 ट्रक के बजाए सिर्फ 3-4 ट्रक प्याज मुहैया करवाया।
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उन्होंने कहा कि हमने टीम बनाई है और प्रत्येक विधानसभा सीट पर सस्ती दर पर प्याज का बिक्री केंद्र खोला है। केंद्र सरकार ने पत्र में जो दावा किया था वह प्याज का स्टॉक कहां है? उसने प्याज के बड़े स्टॉक को क्यों सडऩे दिया? उन्होंने बताया कि 24 नवंबर के बाद एक ट्रक भी प्याज नहीं मुहैया करवाया गया।
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आप नेता ने कहा कि जैसा दावा किया कि प्याज का भारी स्टॉक है उसके बावजूद प्याज नहीं देना इस बात का संकेत देता है कि केंद्र सरकार शायद जमाखोरों को लाभ पहुंचाने के लिए अभाव पैदा कर रही है। हुसैन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने मोबाइल वैन, उचित मूल्य की दुकान व आवश्यकतानुसार लोगों को लगाकर बुनियादी सुविधाएं तैयार की है। उन्होंने कहा कि मैं केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान से आग्रह करता हूं कि वह प्याज मुहैया करवाएं ताकि राष्ट्रीय राजधानी में सस्ते दाम पर इसे बेचा जा सके।