मिडिल क्लास के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है टैक्स रिबैट। जी हां मध्यमवर्गीय परिवार वालों को वित्त मंत्री से उम्मीद है कि उनको आयकर में ज्यादा से ज्यादा छूट दी जाए। वहीं सरकार की कोशिश रहेगी कि इकोनॉमी की ग्रोथ और टैक्स कलेक्शन में वृद्धि पर फोकस रहे।
मिडिल क्लास के लिए सरकार ने अब तक किया
हर सरकार की तरह मोदी सरकार की भी कोशिश होगी कि मिडिल क्लास पर से कर का बोझ कम किया जाएगा। इसके लिए मोदी सरकार ने वर्ष 2014 में अपने बजट में बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट को बढ़ाया था। वहीं 5 लाख रुपए तक की आय वाले करदाताओं के लिए टैक्स रेट घटाकर 5 फीसदी किया था।
1. बढ़े बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट
जब सरकार एक निश्चित टैक्सेबल आय पर कर वसूल नहीं करती है तो इसे बेसिक एग्जेम्पशन कहते हैं। मौजूदा समय में 2.5 लाख रुपए तक की टैक्सेबल आय वालों के लिए आय कर नहीं लगता है। इसे ही बेसिक एग्जेम्पशन कहा जाता है। 12500 रुपये तक के टैक्स रिबेट के चलते 500000 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वालों को कोई टैक्स नहीं देना होता है। उम्मीद है कि इस बार के बजट में सरकार बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट को बढ़ा सकती है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिडिल क्लास को जो उम्मीदें उनमें नेशनल पेंशन स्कीम के तहत निकासी में मिलने वाली छूट की सीमा में बढ़ोतरी शामिल है। एनपीएस के तहत निकासी की 40 फीसदी राशि फिलहाल टैक्स फ्री है जबकि 20 फीसदी रकम पर टैक्स लगता है। इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एनपीएस के तहत निकासी की जाने वाली पूरी राशि को टैक्स फ्री कर सकती हैं।
मोदी सरकार इनकम टैक्स के सेक्शन 80 सी के तहत मिलने वाली छूट की सीमा में बढ़ोतरी कर सकती है। इसका सीधा फायदा सभी तरह के व्यक्तिगत आयकरदाताओं को होगा। फिलहाल सेक्शन 80 सी के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये की छूट मिलती है। मिडिल क्लास लोग चाहते हैं ये सीमा 2.5 लाख की जाए।
4. होम लोन में छूट की सीमा में बढ़ोतरी, सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाई जाए
5. स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख किया जाए