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कितना था कैश
2019 में चुनाव आयोग को दिए एफिडेविट के अनुसार उनके पास 47,349 रुपए कैश था। वहीं उन्होंने बैंकों और दूसरे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस में 12,00,399 रुपए जमा कराए हुए थे। बांड, डिबेंचर्स और शेयर्स में उन्होंने 97,25,573 रुपए का निवेश किया हुआ था। 42,15,615 रुपए पर्सनल लोन भी था। यानी उनके पास 1,51,88,936 रुपए चल संपत्ति के रूप में भी। ना तो उनके पास खुद की गाड़ी थी। ना ही उनके पा सोने और चांदी के जेवर ही थे। उनके नाम पर कोई एलआईसी पॉलिसी भी नहीं थी। ना ही उन्होंने किसी सरकारी योजना में निवेश किया हुआ था।
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9 करोड़ रुपए की एग्रीकल्चा लैंड
भले ही वो शुरुआती दौर में कॉरपोरेट दुनिया से जुड़े रहे हो, अमरीका में नौकरी करते रहे हो, लेकिन खेती और किसानी से उनका लगाव कम नहीं था। उनके अपने गांव छपरौली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद मुजफ्फरनगर, टप्पल, अमरोहा, ग्वालियर, और छत्तीसगढ़ में कई एकड़ में एग्रीकल्चर लैंड है। वास्तव में अजीत सिंह की असल संपत्ति भी यही है। जिसकी कीमत करीब 9 करोड़ रुपए है। जिसकी कीमत समय और काल के हिसाब से घट और बढ़ सकती है। 2019 के एफिडेविट में इन जमीनों की कीमत 9 करोड़ रुपए ही बताई गई है।
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6 करोड़ रुपए का फ्लैट
वहीं चौधरी अजीत सिंह के नाम पर दिल्ली के भिकाजी कामा पैलेस के पास एक फ्लैट भी है। चुनाव आयोग को दिए एफिडेविट के अनुसार इसकी कीमत 6,02,39,000 रुपए बताई गई है। इसके अलावा उनके पास कोई संपत्ति नहीं है। राजनीति में आने से पहले वो अमारीका में नौकरी करते थे। उन्हें कभी राजनीति से मोह नहीं रहा। वो भी तब जब पिता प्रधानमंत्री तक रहे। पिता चरण सिंह की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें अपने पिता की जगह संभालनी पड़ी और 1989 में राज्यसभा के सहारे उन्होंने संसद में पहली बार सांसद के रूप में कदम रखा।