यह भी पढ़ेंः- 10 दिनों में 70 पैसे प्रति लीटर से ज्यादा बढ़े पेट्रोल और डीजल के दाम, आज हुआ इतना इजाफा
अमरीका को रहा है ज्यादा नुकसान
अमरीकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर को 44 सांसदों ने पत्र लिखा है। जिसमें 26 डेमोक्रेट्स और 18 रिपब्लिकन सासंदों ने हस्ताक्षर किए हैं। कांग्रेस (संसद) सदस्य जिम हाइम्स और रॉन एस्टेस की तरफ से लिखे पत्र में हमें अपने उद्योगों के लिए बाजारों की उपलब्धता सुनिश्चित करानी होगी। कुछ छोटे मुद्दों पर मोल-भाव की वजह से इस पर असर नहीं पडऩा चाहिए।
कोलेशन फॉर जीएसपी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डैन एंथनी के अनुसार भारत से जीएसपी दर्जा छीने जाने के बाद से ही अमरीकी कंपनियां संसद को नौकरियों और आमदनी के नुकसान के बारे में जानकारी दे रही हैं। इसका नुकसान भारत को नहीं अमरीका को भुगतना पड़ रहा है। इंडियन एक्पोर्टर की हालत जीएसपी के हटने के बाद भी अच्छी स्थिति में दिखाई दे रही है।
वहीं अमरीकी कंपनियों को हर दिन 10 लाख डॉलर 7 करोड़ रुपए नए टैरिफ के तौर पर चुकाने पड़ रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो जुलाई में ही अमरीकी कंपनियों को 3 करोड़ डॉलर ( 214 करोड़ रुपए ) का नुकसान झेलना पड़ा है।
यह भी पढ़ेंः- रिलायंस जियो अगले तीन साल में होगी टॉप-100 ब्रांड्स में शामिल
ट्रंप और मोदी के बीच जीएसपी पर हो सकती है बातचीत
22 सितंबर को ह्यूस्टन में भारतीय समुदाय की रैली को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक साथ संबोधित करेंगे। जानकारों की मानें तो दोनों राष्ट्राध्यक्ष्र जीएसपी के विवाद को सुलझा लेंगे। दोनों देशों के बीच काफी समय से विवाद का मुद्दा बना हुआ है। अब इसका नुकसान अमरीकी व्यापार को हो रहा है तो अमरीकी राष्ट्रपति भी चाहेंगे कि भारत को जीएसपी में शामिल किया जाए।