यह भी पढ़ें – एक्सपोर्टर्स के लिए सरकार ने बनाया नया प्लान, अब से GST रिफंड में होगा बड़ा फायदा
किसानों के लिए गांवों में गोदाम के लिए भी होगी व्यवस्था
नवनिर्वाचित सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश के हर किसान परिवार को इस स्कीम के तहत लाभ दिया जा सके। मंत्रालय के सूत्रों ने यह भी बताया कि ग्रामीण स्टोरेज सिस्टम के तहत हजारों वेयरहाउस बनाने के प्लानिंग चल रही है, ताकि किसान कम कीमत में अपनी फसलों को यहां स्टोर कर सकें। सरकार की इस प्लानिंग को जमीन पर लाने के लिए पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर से बड़े मात्रा में निवेश की जरूरत होगी, जिसके लिए इस माह की शुरुआत में ही तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। ग्रामीण स्टोरेज स्कीम (वीएसएस) को लेकर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में गत 17 मई को बैठक हुई थी। इस बैठक में प्राइवेट कंपनियों और इंडस्ट्री चैंबर्स के प्रतिनिधि भी शामिल।
यह भी पढ़ें – नई सरकार में मोदी को पार करनी होंगी कड़ी चुनौतियां, GDP से लेकर अर्थव्यवस्था तक में लानी होगी तेजी
17 मई को पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के साथ अमिताभ कांत ने की बैठक
बता दें कि पीएम किसान स्कीम के तहत 2 हेक्टेयर तक जमीन रखने वाले किसानों को सरकार एक साल में तीन में 2-2 हजार रुपए देगी। इस स्कीम को गत 1 फरवरी को अंतरिम बजट में पेश किया गया था जिसके 1 दिसंबर 2018 की तारीख से लागू किया गया है। इस स्कीम के तहत अब तक करीब 3.1 करोड़ किसानों को पहली किश्त और 2.25 करोड़ किसानों के पहली किश्त मिल चुकी है। अमिताभ कांत ( Amitabh Kant ) की अगुवाई में होने वाली इस बैठक में शामिल होने वोल प्राइवेट सेक्टर के अधिकारी ने बताया कि एक गांव या गांवों के एक क्लस्टर में 1,000 टन क्षमता का गोदाम इसे आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए न्यूनतम आवश्यकता होगी। इसके चलने पर लगने वाली लागत को वसूल किया जाना चाहिए क्योंकि यह हमेशा के लिए सब्सिडी पर नहीं चल सकता है।”
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्ट्री, अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट, म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें Patrika Hindi News App.