भारतीय सेना का दावा, देखे हिममानव के पंजे के 32×15 इंच लंबे निशान, ट्वीट की तस्वीरें 1.हिममानव के वजूद को लेकर हमेशा से वैज्ञानिकों में संशय बना रहा है। रिसर्चर ब्रायन स्काइज के मुताबिक येति भूरे भालुओं की उप-प्रजातियां हो सकती हैं। यह ध्रुवीय भालू पृथ्वी पर 40,000 से 1,20,000 वर्ष के बीच पाए जाते थे।
2.वहीं एक अन्य वैज्ञानिक के मुताबिक हिममानव वानर जैसे दिखते हैं। इनका घर नेपाल, भारत और तिब्बत के हिमालय वाले इलाके हैं। हिममानव दुनिया में अभी भी मौजूद हैं या नहीं इस बारे में अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिल पाया है।
3.रिर्सचरों के मुताबिक येति इंसानों के पूर्वज रह चुके हैं। क्योंकि इनके पैरों के निशान हूबहू मानव के पैरों की तरह हैं। हिममानव भी इंसानों की तरह ही सीधे होकर चलते हैं। 4.हिममानव के अस्तित्व को लेकर कई चैनल और खोजकर्ता रिसर्च कर चुके हैं। मगर इसके बारे में कोई भी सटीक जानकारी नहीं दे पाया है।
5.येति को पहली बार देखे जाने की बात सन 1925 में सामने आई थी। उसकी तस्वीर जर्मन के एक फोटोग्राफर ने ली थी।
प्रसाद बांटने के बहाने ये घिनौनी हरकत करता था नारायण साईं, ऐसे बनाता था लड़कियों को अपना शिकार 6.इसके बाद सन 1953 में सर एडमंड हिलेरी और तेन्जिंग नोर्गे ने माउंट एवरेस्ट पर हिममानव के पैरों के निशान देखने की बात कही थी। हालांकि बाद में सर एडमंड ने इस बात से इंकार कर दिया था।
7.इसके अलावा साल 2008 और 2010 में येति के चीन में देखे जाने की बात सामने आई थी। बताया जाता है कि एक हिममानव चीन के रिमोट एरिया में घूम रहा था। उसे सिचुआन प्रांत से पकड़ा गया था।
8.एक रिपोर्ट के के अनुसार पर्वतारोही स्टीव बैरी ने भी येति को देखने का दावा कर चुके हैं। स्टीव ने ये निशान भूटान में सबसे ऊंचे पहाड़ गंगखार पुनसुम में देखे थे। उन्होंने उस वक्त उसकी तस्वीर भी ली थी।
9.इसके अलावा एक चरवाहे ने करीब 11 साल पहले येति को देखने का दावा किया था। उसने बताया था कि वो हिममानव से महज 100 यार्ड की दूरी पर खड़ा था। वो जानवर भूरे रंग के बालों से ढका हुआ था।
10.बता दें कि भारतीय सेना ने हाल ही में
हिमालय पर्वत पर मिले हिममानव के पैरों की तीन तस्वीरें ट्विटर पर शेयर की हैं। ये तस्वीरें भारतीय सेना के पर्वतारोहण अभियान दल ने ली हैं।