1.पुराणों के अनुसार आंवला नवमी यानि अक्षय नवमी का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन जो भी पुण्य किया जाता है उसका फल कई जन्मों तक समाप्त नहीं होता है। इसलिए इस दिन गरीबों का दान देना चाहिए। साथ ही गाय माता की सेवा करनी चाहिए।
2.ज्योतिषविदों के अनुसार अगर आंवला नवमी के दिन सुबह नहाने के पानी में दो चम्मच आंवले का रस डालकर नहाया जाए तो व्यक्ति के शरीर के साथ मन का भी शुद्धिकरण होता है। इससे उनके आस—पास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा भी खत्म होगी।
3.अगर इस दिन घर में आंवले का पेड़ लगाया जाए और उसकी विधिवत तरीके से पूजा की जाए तो जिन लोगों को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है, उनकी इस समस्या का निवारण होता है।
4.चूंकि इस दिन दान देना शुभ माना जाता है, इसिलए ब्राम्हण को दान देते समय द्येत्यादि अमुकगोत्रोमुक (अपना गोत्र बोलें) ममाखिलपापक्षयपूर्वकधर्मार्थकाममोक्षसिद्धिद्वारा, श्रीविष्णुप्रीत्यर्थं धात्रीमूले विष्णुपूजनं धात्रीपूजनं च करिष्ये। नामक मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से आप पर मां लक्ष्मी की कृपा होगी।
5.जो लोग पितृ दोष से छुटकारा पाना चाहते एवं जीवन में आ रही समस्याओं से बचना चाहते हैं तो अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ की जड़ में दूध चढ़ाएं। दुग्ध चढ़ाते समय इसकी धार एक समान रहे।
6.आंवला नवमी की पूजा करते समय पूर्व दिशा की ओर बैठकर, पिता पितामहाश्चान्ये अपुत्रा ये च गोत्रिण:।ते पिबन्तु मया दत्तं धात्रीमूलेक्षयं पय:।। आब्रह्मस्तम्बपर्यन्तं देवर्षिपितृमानवा:। ते पिवन्तु मया दत्तं धात्रीमूलेक्षयं पय:।। मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की सारी मुसीबतें दूर होती हैं।
7.जो लोग धन प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ में लाल रंग का धागा बांधना चाहिए। इससे व्यक्ति की सारी मनोकामानाएं भी पूरी होंगी। 8.पद्म पुराण के अनुसार के अनुसार इस दिन द्वापर युग की शुरुआत हुई थी। आंवला नवमी पर आंवला के वृक्ष के पूजन करने से घर में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं होती है।