दिग्गज पार्षद मदन जैन और पूर्व सभापति राजकुमार नारायणी को विधायक अरुण वोरा द्वारा धीरज बाकलीवाल का नाम आगे बढ़ाए जाने के खिलाफ लामबंदी व दिल्ली दौड़ भारी पड़ गया है। मदन जैन उम्र में सबसे वरिष्ठ व 5 बार पार्षद रह चुके हैं। नारायणी खुद 3 बार व उनकी पत्नी 1 बार पार्षद रही हैं। पिछले सदन में सभापति थे। दोनों को छोड़कर उनसे कम अनुभव वाले पार्षदों को एमआईसी में जगह दी गई है।
आधा दर्जन वरिष्ठों को भी इस बार केवल पार्षदी से संतोष करना पड़ेगा। इनमें कमला शर्मा, माहेश्वरी ठाकुर, प्रेमलता पोषण साहू, नजहत परवीन, निर्मला साहू व ज्ञानदास बंजारे शामिल हैं। ये सभी दो या इससे अधिक बार पार्षद का चुनाव जीत चुके हैं। इनमें से कई के रिश्तेदार भी पार्षदी कर चुके हैं।
दूसरे दल या निर्दलीय चुनाव लड़ कांग्रेस में लौटे पार्षदों को भी एमआईसी में जगह दी गई है। इनमें जयश्री जोशी और हमीद खोखर शामिल हैं। जयश्री पहले भाजपा से एमआईसी में रह चुकी हंै। इस बार कांग्रेस से टिकट लेकर भाजपा के रत्नेश चंद्राकर को पराजित किया। वहीं हमीद खोखर पिछले चुनाव में निर्दलीय जीते थे।
एमआईसी में गुटीय व जातीय समीकरण के आधार पर सामंजस्य की कोशिश की गई है। मंत्री ताम्रध्वज के करीबी पार्षद ऋषभ जैन को महत्वपूर्ण राजस्व विभाग दिया गया है। मनदीप सिंह भाटिया को एमआईसी में शामिल कर चौबे गुट के साथ संतुलन बनाया गया है। निगम सभापति राजेश यादव के लिए चौबे गुट ने दबाव बनाया था।
श हर सरकार में पहली बार अल्पसंख्यकों को खास तव्वजो मिली है। दो मुस्लिम अल्पसंख्यक अब्दुल गनी व हामिद खोखर के साथ एक सिख मनदीप सिंह भाटिया व जैन समाज से ऋषभ जैन को शामिल किया गया। 12 सदस्यी केबिनेट में चार अल्पसंख्यक हंै। महापौर धीरज बाकलीवाल को मिलकर 5 हो जाते हैं।
एमआईसी में तीन महिलाओं को जगह दी गई है। इनमें दो अन्य पिछड़ा वर्ग से और एक सामान्य वर्ग से हैं। पिछड़ा वर्ग से सत्यावती वर्मा और जमुना साहू और सामान्य वर्ग से जयश्री जोशी शामिल हैं। पूरे एमआईसी में जयश्री अकेली सामान्य वर्ग से हैं। जयश्री ने पूर्व महापौर चंद्रिका चंद्राकर के पति रत्नेश चंद्राकर को हराया था। महापौर धीरज बाकलीवाल ने बताया कि एमआईसी के सदस्यों के नामों की घोषणा की गई है। वरिष्ठों की राय के आधार पर योग्यता व क्षमता को ध्यान में रखकर सामंजस्य के आधार पर विभाग तय किए गए हैं। सभी के साथ मिलकर विकास व जनहित के कार्यों को आगे बढ़ाने की हमारी मंशा है।