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डूंगरपुर

Rajasthan News : सागवाड़ा में एक माह में ही 49 गायों की मौत

Rajasthan News : सागवाड़ा में गोवंश के देखरेख के अभाव में नगरीय क्षेत्र में गत 30 दिन में 49 गोवंश की मौत हो गई है।

डूंगरपुरNov 17, 2024 / 11:54 am

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan Sagwara in just one month 49 cows died
Rajasthan News : भारतीय संस्कृति में गोवंश रखना एवं पूजा करना समाज में प्रतिष्ठा मानी जाती थी लेकिन हालात अब बदल गए हैं, अब गोवंश सड़कों पर इधर-उधर विचरण कर रही है तथा कोई भी खैरखबर लेने वाला नहीं है। गोवंश के देखरेख के अभाव में सागवाड़ा के नगरीय क्षेत्र में गत 30 दिन में 49 गोवंश की मौत हो गई है। कुछ वर्ष पूर्व गोवंश को पालने के लिए चारा पानी आसानी से सुलभ हो जाता था। पर, अब गोवंश सड़कों पर पड़ी प्लास्टिक खाकर जीवनयापन कर रहे हैं। आरा मार्ग पर बने कचरा संग्रहण केंद्र में भी कई गोवंश प्लास्टिक की थैलियां खाते हुए नजर आ जाते हैं। गोवंश के अकाल मौत होने पर नगरपालिका की ओर से कचरा संग्रहण केंद्र में दफनाया जा रहा है।

गोवंश को दफनाने में भारी परेशानी

गोवंश को दफनाने के लिए नगरपालिका के पास कोई अतिरिक्त भूमि नहीं है, जिससे पालिकाकर्मिकों को गोवंश को दफनाने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। नगरपालिका अध्यक्ष नरेंद्र खोड़निया ने बताया कि मात्र 30 दिन में 49 गोवंश जान गंवा चुका है। नगरपालिका गोवंश को हरसंभव सहायता देने में जुटा हुआ है। उन्होंने जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार से गोवंश को दफनाने के लिए पांच बीघा भूमि नगरपालिका को आवंटित किए जाने की मांग की है ताकि शवों का उचित निस्तारण किया जा सके।
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गो-शालाओं में दे रहे गायों को संरक्षण

माणकपुरा में सागवाड़ा के नाम से श्रीउत्तम स्वामी गोशाला एवं गामोठवाड़ा श्री सन्मति गोशाला का संचालन किया जा रहा है। माणकपुरा गोशाला में करीब 250 तथा सन्मति गोशाला में 50 से अधिक गोवंश हैं। सन्मति गोशाला में अधिकांश गोवंश सडक हादसों में घायल होने पर उपचार के लिए रखा जाता है। वहीं, माणकपुरा गोशाला में सागवाड़ा शहर में विचरण करने वाले गोवंश को संरक्षण दिया जाता है।
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अर्थदान से ही होता है गोशाला का संचालन

श्रीउत्तम स्वामी गोशाला के अध्यक्ष नानुलाल पटेल ने बताया कि वर्तमान में गोशाला में गोवंश की सेवा नगरवासी एवं आस-पास के गांवों के लोगों की सहयोग से की जा रही है। लोगों से मिले अर्थदान से ही गोशाला का संचालन किया जा रहा है। समय-समय पर गोवंश का इलाज एवं दवाई पर हर माह बड़ा खर्च किया जा रहा है।

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