इसी बीच रास्ते में ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जिस पर काफी देर तक सांसद व पुलिस के बीच बहस की स्थिति भी बनी। पुलिस का कहना था कि संसद परिसर तक जानवर को ले जाने की इजाजत नहीं हैं। पुलिस की रोक के चलते सांसद रोत की ऊंट की सवारी सांकेतिक ही हो पाई।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के दौरान नामांकन दाखिल करने के लिए भी रोत ऊंट पर सवार होकर जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय पहुंचे थे। इस मामले की शिकायत के बाद उन्हें निर्वाचन आयोग की ओर से नोटिस भी जारी किया गया था।
सांसद रोत ने परंपरागत वेशभूषा में संसद पहुंचे। यहां उन्होंने संविधान, प्रकृति, पूर्वज व सत्यनिष्ठा के साथ शपथ ली। साथ ही शपथ के आखिरी में जय जौहार, जय भील प्रदेश, जय भीम, जय संविधान, जय आदिवासी का उल्लेख किया। सांसद के रोत के साथ दिल्ली में आसपुर विधायक उमेश मीणा, बांसवाड़ा से हेमंत राणा आदि उपिस्थत रहे।