यह है लक्षण
1- लम्पी एक विषाणुजनित चर्म रोग है।
2- पशु को तेज बुखार, आंख नाक से पानी गिरना।
3- पैरो में सूजन, कठोर और चपटी गांठ से शरीर भरना।
4- सांस लेने में दिक्कत।
5- पशुओं में घाव, गर्भपात या दूध कम होना। यह भी पढ़ें – CET 2024 : परीक्षा 27-28 सितंबर को होगी, जानें कैसा रहेगा ड्रेस कोड ये करें उपाय
1- संक्रमित पशु को स्वस्थ्य पशु से अलग रखें ताकि संक्रमण न फैले। कीटनाशक और विषाणुनाशक से पशुओं के परजीवी कीट, किल्ली, मक्खी और मच्छर आदि को नष्ट करें।
2- पशुओं के बाड़े की साफ-सफाई रखें। किसी पशु में लंपी वायरस के लक्षण दिखें, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण करवाएं ताकि वह अन्य बीमारियों से भी दूर रहे।
डूंगरपुर में 1455 बने थे काल का ग्रास
लंपी वायरस का जिले में पहला केस आठ अगस्त 2022 को सामने आया था तथा यह सितंबर व अक्टूबर 2022 का समय पूरे चरम पर था। अंतिम केस नवंबर 2022 में सामने आया था। लंपी वायरस से जिले में अगस्त से नवंबर 2022 के मध्य रिकार्ड 1455 गो-वंश काल का ग्रास बन गए थे।
लंपी वायरस का डूंगरपुर में एक भी केस नहीं – संयुक्त निदेशक
पशुपालन विभाग संयुक्त निदेशक डा. दिनेशचन्द्र बामणिया ने कहा कि लंपी वायरस का डूंगरपुर में फिलहाल एक भी केस सामने नहीं आया है। पर, पशुपालन विभाग पूरी मुस्तैदी के साथ टीकाकरण में जुट गया है। अब तक एक लाख से अधिक पशुओं को टीकाकरण करने के साथ ही पशुपालकों को सावचेत कर रहे हैं।