लॉगशीट मेंटेन करने के भी निर्देश
बैठक में प्रबंध निदेशक ने कहा कि यह देखा गया है कि कर्मचारी शट डाउन लेने के लिए टेलीफोन से ही अनुमति लेकर शट डाउन कर लेते है। इस प्रक्रिया में सुधार करते हुए अब बिना लिखित अनुमति के कर्मचारी शट डाउन नहीं ले सकेगा। वहीं कार्य समाप्ति के उपरांत कोई व्यक्ति लाइन पर कार्य नहीं कर रहा है, यह पूर्ण रूप से सुनिश्चित करने के बाद ही परमिट टू वर्क वापस हो सकेगा। यह पीटीडब्ल्यू रजिस्टर हर जीएसएस में मेंटेन होगा। इसी तरह प्रत्येक 33/11 जीएसएस पर लॉगशीट मेंटेन करने के भी निर्देश दिए हैं।
शपथ रजिस्टर का निरीक्षण करेंगे सत्यापित
प्रबंध निदेशक केपी वर्मा ने अधिकारियों से कहा कि अभी भी कई कर्मचारी/संविदाकर्मी अभी भी लाइन पर कार्य करते समय सुरक्षा उपकरण नहीं पहनते हैं और वह दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। इसलिए कर्मचारियों और संविदाकर्मियों को और अधिक जागरूक करने के लिए प्रत्येक उपखंड को अब एक शपथ रजिस्टर मेंटेन करना होगा। इसके लिए हर माह के पहले कार्य-दिवस पर कनिष्ठ अभियंता सभी फीडर इंचार्जों को लिखित में सुरक्षा उपकरण पहनने तथा सुरक्षा की पालना के लिए शपथ दिलवाएंगे और रजिस्टर में उनके हस्ताक्षर तथा मोबाइल नंबर भी दर्ज करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे। निरीक्षण अधिकारी इस शपथ रजिस्टर का आवश्यक रूप से निरीक्षण कर सत्यापित करेंगे।
कमेटी में इंजीनियर सुपरवाइजर को शामिल करने के निर्देश
प्रबंध निदेशक केपी वर्मा ने विद्युत लाइनों पर कार्य करते समय दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए, सुरक्षा उपकरणों और नियमों की पालना के लिए विद्युत सुरक्षा उल्लंघन चालान से संबंधित निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के बारे में कहा। वहीं, भविष्य में कभी भी अगर कोई कर्मचारी विद्युत दुर्घटना का शिकार होता है तो, उस संबंधित वृत्त के अधीक्षण अभियंता तथा कार्मिक अधिकारी की कमिटी विश्लेषण कर विस्तृत रूप से रिपोर्ट पेश करेगी। वर्मा ने उपखंड स्तर पर बनाई गई कमेटी में वरिष्ठ तकनीकी स्टाफ की जगह इंजीनियर सुपरवाइजर को शामिल करने के निर्देश भी दिए।
मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश
प्रबंध निदेशक केपी वर्मा ने गुरुवार को पंचशील स्थित मुख्यालय पर डिस्कॉम की प्रमुख गतिविधियों की मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त मॉनिटरिंग अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान वर्मा ने औद्योगिक तथा कृषि कनेक्शनों को समयबद्ध जारी करने, फीडर मॉनिटरिंग सिस्टम के उपयोग, 33/11 केवी जीएसएस पर लोसेज कम करने, आरडीएसएस लाइन की गुणवत्ता, घातक एवं अघातक दुर्घटनाओं की निगरानी, 33 केवी वर्क्स की निगरानी सहित अन्य मुख्य गतिविधियों की समीक्षा कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।