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डूंगरपुर

चौसारी विधानसभा क्षेत्र : बीएपी ने उतारा प्रत्याशी, कांग्रेस व भाजपा का हो रहा इंतजार, इधर अब बीएपी में भी बगावत शुरू

Chaurasi Assembly Seat: डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा सीट चर्चा में हैं। यहां से भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने अपना प्रत्याशी सबसे पहले उतारकर कांग्रेस व भाजपा को चुनौती दे दी है। इधर कांग्रेस ने गठबंधन से इंकार कर दिया है। वहीं भाजपा ने सात विधानसभा सीटों में से चौरासी सीट को छोड़कर बाकी छह जगह अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए है। चौरासी सीट पर अभी गहन मंथन चल रहा है।

डूंगरपुरOct 22, 2024 / 12:22 pm

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जयपुर। Rajasthan By Election 2024 डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा सीट चर्चा में हैं। यहां से भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने अपना प्रत्याशी सबसे पहले उतारकर कांग्रेस व भाजपा को चुनौती दे दी है। इधर कांग्रेस ने गठबंधन से इंकार कर दिया है। वहीं भाजपा ने सात विधानसभा सीटों में से चौरासी सीट को छोड़कर बाकी छह जगह अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए है। चौरासी सीट पर अभी गहन मंथन चल रहा है।

चौरासी सीट से बीएपी के राजकुमार रोत विधायक बने थे। बाद में वे बांसवाड़ा सीट से सांसद बन गए। इस कारण इस सीट पर उप चुनाव हो रहा है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने एनवक्त पर बीएपी से गठबंधन किया था। भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने शनिवार को जिला परिषद सदस्य अनिल कटारा को चौरासी से टिकट दिया। सांसद राजकुमार रोत ने पूर्व में कहा था कि कांग्रेस चौरासी और सलूंबर में अपने प्रत्याशी नहीं उतारती है तो बीएपी देवली-उनियारा में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी। हालांकि कांग्रेस व बीएपी की रिश्ते के चलते गठबंधन की संभावना नहीं के बराबर नजर आ रही थी। अब कांग्रेस ने खुद ही गठबंधन की संभावनाओं से इंकार कर दिया है।

अब बीएपी में बगावत के सुर भी तेज

कांग्रेस व भाजपा की तरह बीएपी भी बगावत से बची नहीं है।
बीएपी में टिकट की घोषणा के साथ बगावत भी तेज हो गई है। पार्टी से जुड़े पोपट खोखरिया ने विरोध जता दिया है। पोपट का कहना है कि पार्टी की सलेक्शन कमेटी में मेरा नाम सबसे आगे चल रहा था, लेकिन एनवक्त पर नाम काट दिया है। वहीं भारत आदिवासी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत कहते हैं कि सलेक्शन कमेटी के तहत वोटिंग की गई। इसमें अनिल कटारा को ही सबसे अधिक वोट मिले थे।

क्षेत्रीय पार्टी का दबदबा


इस सीट पर कांग्रेस 2008 एवं भाजपा 2013 का चुनाव आखिरी बार जीती थी। इसके बाद लगातार क्षेत्रीय दल का वर्चस्व बढ़ा एवं वो राष्ट्रीय पार्टियों के लिए चुनौती के रूप में उभरी है। ऐसे में राष्ट्रीय दल प्रत्याशी तय करने से पहले सभी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

अब तक हुए 13 चुनाव


चौरासी विधानसभा सीट पर 1967 से अब तक 13 चुनाव हुए है। इसमें से एक-एक बार स्वतंत्र, जनता दल, बीटीपी, बीएपी, तीन बार भाजपा एवं 6 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। 10 माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में बीटीपी में बिखराव के बाद नई पार्टी बीएपी बनी। यहां से राजकुमार रोत ने चुनाव लड़ा एवं बड़े अंतर से भाजपा को हराया। इस सीट पर कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी। लोकसभा चुनाव रोत के लडऩे एवं जीत दर्ज के बाद चौरासी सीट खाली हुई।

गठबंधन की गांठ भी नहीं लगेगी


बीएपी व कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव में हुए गठबंधन के बाद से चौरासी के उपचुनाव में भी गठबंधन की संभावनाएं जताई जा रही थी, लेकिन दोनों ही दलों ने इसे लेकर स्पष्ट बयान देने के साथ ही तय कर दिया है कि वे स्वतंत्र ही चुनाव लड़ेगे। कांग्रेस के स्थानीय पदाधिकारी व कार्यकर्ता शीर्ष नेतृत्व को गठबंधन नहीं करने को लेकर अपनी स्पष्ट राय दे चुके है। वहीं बीएपी भी इसे लेकर अपनी मंशा साफ कर चुकी है। ऐसे में इस चुनाव में गठबंधन होने की संभावना शुरू से शून्य नजर आ रही थी।

चौरासी पर सभी की नजर

डूंगरपुर जिले में चार विधानसभा क्षेत्र है, लेकिन विधानसभा चुनाव में पूरे प्रदेश की नजर सबसे अधिक चौरासी सीट पर रहती है। आजादी के बाद से हुए 13 चुनावों में पिछले दो चुनावों को छोडकऱ शेष चुनावों में भाजपा-कांग्रेस का मिलाजुला वर्चस्व रहा है। वहीं एब बार बीटीपी एवं एक-बार बीएपी से राजकुमार रोत के चुनाव जीतने के बाद लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमाने के बाद जीत कर दिल्ली तक पहुंच कायम कर चुके हैं, ऐसे में एक बार फिर यह सीट चर्चा में है। कांग्रेस व भाजपा जहां वापस अपना दबदबा कायम करने में जुटी हुई हैं, वहीं बीएपी परंपरागत वोट बैंक पर पकड़ ओर अधिक मजबूत करने में हैं।


चौरासी में वर्ष 2023 के चुनाव में वोट प्रतिशत

बीएपी- 54.93
भाजपा- 20.74
कांग्रेस – 13.64
कुल मतदान प्रतिशत- 81.76

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